बलिया बेलौन. बलिया बेलौन क्षेत्र के विभिन्न पंचायतों में मनरेगा योजना के अंतर्गत सड़क किनारे पौधरोपण किया गया था. इस योजना का उद्देश्य हरित पर्यावरण को बढ़ावा देना और ग्रामीण क्षेत्र को स्वच्छ व सुंदर बनाना था, लेकिन योजना के क्रियान्वयन में घोर लापरवाही देखने को मिल रही है. सड़क के दोनों किनारों पर लगाए गए अधिकांश पौधे देखरेख के अभाव में सूख चुके हैं. स्थानीय लोगों के अनुसार, सड़क के किनारे मात्र 20 से 25 पौधे ही जीवित हैं. जबकि शेष सभी पौधे या तो मर चुके हैं या गायब हैं. ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर इस योजना की निगरानी और रखरखाव की जिम्मेदारी किसकी थी. ग्राम पंचायत व संबंधित अधिकारियों की ओर से पौधों की सुरक्षा और देखरेख के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गये, न ही समय-समय पर पौधों की सिंचाई हुई और न ही किसी प्रकार का या सुरक्षा व्यवस्था की गयी. यह लापरवाही केवल सरकारी धन की बर्बादी ही नहीं, बल्कि ग्रामीण विकास और पर्यावरण संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण उद्देश्यों के साथ भी मजाक है. स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि इस मामले की जांच हो और जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाये. कदवा पीओ मनीष कुमार ने दूरभाष पर बताया कि तैयापुर पंचायत के सड़क किनारे में पौधरोपण का कार्य इसी वर्ष 2025 का है और कार्य शुरू किया होगा. आगे और भी कार्य इसमें बाकी है. किसी भी तरह की कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी.
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