फोटो 7 मोहनिया की हृदय स्थली चांदनी चौक श्वेता सुमन का नामांकन रद्द होने के बाद अब लड़ाई हो गया हैं दिलचस्प मोहनिया शहर. बिहार विधानसभा चुनाव में मोहनिया सीट का सियासी मुकाबला इस बार बेहद दिलचस्प हो गया है. यहां मतदाताओं की चुप्पी ने उम्मीदवारों की बेचैनी बढ़ा दी हैं. मतदाता अब तक खुलकर किसी भी प्रत्याशी के पक्ष में नहीं दिख रहे हैं, जबकि इस बार पारंपरिक वोट बैंक का समीकरण भी बदलता दिख रहा है, जिससे अनुमान लगाना मुश्किल हो गया है कि यह सीट किसकी होगी, जिसकी चर्चा मोहनिया के हृदय स्थली चांदनी चौक की सुबह सुबह लगने वाली चाय दुकानों से लेकर पूरे विधानसभा क्षेत्र के चौक चौराहोें व गलियारों में खूब हो रही है. मालूम हो की मोहनिया की राजनीति में इस बार का चुनाव खासा जटिल हो गया है. राजद प्रत्याशी श्वेता सुमन का नामांकन रद्द होने के बाद राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल गये हैं. पारंपरिक रूप से मुख्य दलों के वोट माने जाने वाले समुदायों में अब बिखराव देखने को मिल रहा है. यही कारण है कि इस बार किसी भी पार्टी या प्रत्याशी के पक्ष में लहर साफ नहीं दिख रही है. लोगों का कहना हैं कि इस बार विकास और विश्वसनीय चेहरा ही निर्णायक मुद्दा होगा, जबकि उम्मीदवारों के जातीय समीकरण का असर सीमित रह सकता है. यहां हर कदम बदल रहे समीकरण और मतदाताओं की खामोशी उम्मीदवारों की बेचैनी बढ़ा रही है. ऐसे में मोहनिया विधानसभा सीट का यह चुनाव राजनीतिक पंडितों के लिए भी अबूझ पहेली बना हुआ है. बता दें कि इस सीट से 12 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनमें तीन महिलाएं और 9 पुरुष शामिल हैं. इनमें मुख्य रूप से भाजपा की संगीता कुमारी, जनसुराज की गीता देवी, राजद समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी रवि शंकर पासवान और बहुजन समाज पार्टी के ओम प्रकाश नारायण मैदान में हैं. # मोहनिया में तीन महिला प्रत्याशी हैं मैदान में मोहनिया विधानसभा सीट पर इस बार महिला शक्ति का प्रभाव देखने को मिल रहा है. 12 प्रत्याशियों में से तीन महिला उम्मीदवार मैदान में हैं, जो अपनी उपस्थिति से मुकाबले को और दिलचस्प बना रही हैं. भाजपा से संगीता कुमारी, जनसुराज से गीता देवी और निर्दलीय नीतू देवी मैदान में हैं. खास बात यह है कि संगीता कुमारी पिछला विधानसभा चुनाव 2020 में राजद के टिकट पर लड़ी थीं और जीत दर्ज की थी, जबकि इस बार उन्होंने भाजपा का दामन थाम कर मैदान में कदम रखा है. वहीं, जनसुराज की गीता देवी, जो जिला पार्षद भी हैं, स्थानीय स्तर पर मजबूत पकड़ रखती हैं और महिला मतदाताओं के बीच अच्छी पहचान बना चुकी हैं. जबकि, तीसरी महिला प्रत्याशी नीतू देवी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपनी किस्मत आजमा रही हैं.
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