दुर्गावती. हवा के साथ हुई बारिश से जहां-तहा धान की फसल खेतों में गिर गयी है. पिछले तीन दिनों से बदले मौसम व रुक रुककर हो रही बारिश ने किसानों कोे चिंता में डाल दिया है. किसानों का कहना है कि यदि बारिश का दौर यूं ही जारी रही, तो धान की फसल को भारी नुकसान होगा. बारिश से खेतों में गिरी धान की फसल व लगातार नमी रहने से बालियों का रंग काला पड़ जायेगा. पक चुकी धान जो खेत में गिर गयी है उसके दोबारा से अंकुरित होने व सड़ने की भी संभावना बनती नजर आ रही है. भेरिया के किसान धनंजय सिंह सिंह ने बताया कि धान की फसल तैयार हो चली थी. लगभग 12 बीघे धान गंगा कावेरी (मनसुरी) तीन दिनों से हो रही बारिश से फसल गिर गयी है. गुरुवार की रात तेज बारिश से ज्यादा नुकसान हुआ है. खेतों में पानी लगा हुआ है. धान की गिरी फसलों को सड़ने की संभावना बनी है. ऐसे में मशीन से कटाई कराना भी मुश्किल हो जायेगा. धनेच्छा के किसान ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि इस बारिश में धान की फसल कहीं-कहीं गिर गयी है. अब भी यदि बारिश नहीं थमता है तो किसानों की अधिकतर धान की फसल गिरकर बर्बाद हो जायेगी. गौरतलब है कि शुक्रवार को कमोबेश यही हाल इलाके के मनोहरपुर, मरहिया, खामीदौरा, खरखोली आदि विभिन्न गांवों के बधारों में खड़ी धान की फसलें कहीं कम तो कहीं ज्यादा गिरी पड़ी देखी गयी है. हालांकि, खबर लिखे जाने तक शुक्रवार को बारिश थमी हुई है, लेकिन आकाश में काले बादल घिरे हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

