उत्तर प्रदेश के दर्जनों नेता रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के गांवों में दिन-रात कर रहे कैंपेन त्रिकोणीय लड़ाई में प्रत्याशी क्षेत्र में कार्यकर्ताओं के साथ बहा रहे पसीने रामगढ़. बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 11 नवंबर को रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र होनेवाले मतदान को लेकर प्रत्याशियों के प्रचार परवान पर हैं. अपने समर्थकों के साथ प्रत्याशियों का काफिला गांव की गलियों, बाजार की सड़कों से लेकर गांव की चौपाल तक पहुंच ग्रामीणों से जनसंपर्क कर रहे. ग्रामीणों को अपने पक्ष में वोट करने को लेकर प्रत्याशियों ने प्रचार प्रसार का तरीका बदला व लाखों रुपये के लग्जरी वाहन को छोड़ नेता जी इन दिनों ट्रैक्टर व फटफटिया से समर्थकों के साथ पार्टी का नारा बुलंद करते गांव पहुंच रहे. नेता जी किसानों के हितैषी व युवाओं के दिलों पर राज करने के लिए ट्रैक्टर व बाइक से उनके बीच बिना किसी भेदभाव के क्षेत्र का भ्रमण कर रहे हैं. गांव के समर्थक भी गांव पहुंचे अपने नेता को सिर आंखों पर बिठाते हुए लोगों के बीच उन्हें किसानों के रहनुमा, युवाओं की धड़कन होने का दम भरते हुए क्षेत्र के विकास को लेकर ग्रामीणों को अपने पक्ष में मतदान करने की गुहार लगा रहे. कभी चुनाव से पहले लग्जरी वाहनों में बैठकर मोबाइल से बात करते सड़कों पर फर्राटे भरने वाले नेता जी को ग्रामीण जनता चुनाव के दौरान उन्हें इस रूप में देख मन ही मन लोकतंत्र के इस पर्व का जश्न मना रहे है. समाजवादियों की धरती कहे जाने वाले रामगढ़ में एक बार फिर पुरानी पद्धति पर चलते हुए नेता जी चाय दुकान पहुंच चुनावी चकल्लस में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ क्षेत्र का मिजाज जानने की कोशिश कर रहे. इधर, बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के दर्जनों नेता कैमूर के सीमावर्ती होटलों में कैंप कर रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के गांवों में दिन-रात कैंपेन कर रहे हैं. इधर, धरातल पर नजर डाले तो नामांकन के दौरान नंबर वन का दम भरने वाले नेता जी आज के समय में किसी तरह अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्र में दिन-रात कार्यकर्ताओं के साथ पसीने बहा रहे हैं. धरातल के चुनावी परिदृश्य में यहां त्रिकोणीय लड़ाई दिख रही है. 2020 में जनता का जनादेश पाकर राजद के टिकट पर विधानसभा गये वर्तमान बक्सर सांसद सुधाकर सिंह 2024 के उपचुनाव में मिली हार का करारा जवाब देने के लिए राजद प्रत्याशी अपने छोटे भाई अजीत सिंह के साथ कदम से कदम मिलाकर जनसंपर्क व नुक्कड़ सभाओं को संबोधित करते हुए अपनी सीट बचाने के लिए पूरी ताकत झोंके हैं. वहीं, उपचुनाव में जीत के साथ सत्ता में आये भाजपा के अशोक कुमार सिंह किसी भी कीमत पर अपनी गद्दी को 2020 की तरह दूसरे की झोली में जाने का कोई चांस नहीं लेना चाहते. वहीं, 2020 में महज 188 मतों से मिली हार को बहुजन समाज पार्टी के सतीश कुमार सिंह उर्फ पिंटू यादव भी 2025 में बहुत बड़े अंतर से जीत में परिवर्तित करने के लिए दिन-रात एक किये हुए हैं. वहीं, जनसुराज पार्टी की सीट पर आनंद कुमार सिंह के लिए भी यह चुनाव काफी मायने रखता है, बहरहाल अब देखना यह होगा कि 11 नवंबर को रामगढ़ की जनता किसके सिर पर जीत का ताज रखती है.
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