= 2024 में भी रियल टाइम इन्फॉर्मेशन सिस्टम में कैमूर बिहार में प्रथम व पूरे देश में रहा था चौथे स्थान पर = जानकारी उपलब्ध कराने के लिए आइएचआइपी पोर्टल पर किया जा जाता है चिह्नित बीमारियों को अपलोड = जिले में स्वास्थ्य सुविधा बेहतर होने से 36 प्रकार की बीमारियों की मिल रही ससमय जानकारी भभुआ सदर. वर्ष 2024 में केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा देश में 36 प्रकार के विभिन्न रोगों की ससमय जानकारी के लिए शुरू की गयी इंट्रीग्रेटेड डिजिज सर्विलांस प्रोग्राम यानी एकीकृत रोग नियंत्रण कार्यक्रम के सफल संचालन पर कैमूर का स्वास्थ्य विभाग लगातार दूसरे साल पूरे बिहार में प्रथम आया है. पिछले वर्ष 2024 में भी इस कार्यक्रम के सफल संचालन पर पूरे देश में कैमूर को चौथा, जबकि बिहार में प्रथम स्थान मिला था. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के इंटीग्रेटेड हेल्थ इन्फॉर्मेशन पोर्टल के जारी किये गये आंकड़ों में प्रथम स्थान पर रहे कैमूर जिले को 99.03 अंक प्राप्त हुए है. जबकि,देश भर में एकीकृत रोग निगरानी में 99.09 अंकों के साथ प्रथम स्थान पर ओडिसा का देवगढ़ रहा था. वहीं, द्वितीय स्थान पर 99.08 अंकों के साथ गुजरात का अहमदाबाद और तीसरे स्थान पर भी 99.7 अंकों के साथ गुजरात का आनंद जिला रहा था. दरअसल, विभिन्न बीमारियों के बारे में सही समय पर जानकारी उपलब्ध होने के साथ इलाज की सुविधा लोगों तक पहुंचाने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार ने 2024 में इंटीग्रेटेड हेल्थ इन्फॉर्मेशन पोर्टल लांच किया था. = 36 प्रकार के रोगों का रियल टाइम इन्फॉर्मेशन होता है अपलोड गौरतलब है कि इस कार्यक्रम के तहत 36 प्रकार के संचारी रोगों से संबंधित जानकारी रियल टाइम इन्फॉर्मेशन के आधार पर पोर्टल पर अपलोड की जाती है. जबकि, 2024 से पूर्व में ऑफलाइन रिपोर्टिंग की जाती थी और इसके चलते बीमारी की पहचान और इलाज की प्रक्रिया शुरू करने में देर हो जाने के कारण परेशानी होती थी और वैसे गंभीर मरीजों को बड़े अस्पतालों तक पहुंचने में देर हो जाती थी. लेकिन अब किसी भी गांव-मुहल्ले में किसी बीमारी के फैलने की सूचना मिलती है, तो इसे तुरंत पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाता है, ताकि बीमारी की गंभीरता को देखते हुए जिला स्तर की टीम भी संबंधित इलाके में जाकर इलाज कर सके. = सूचना देने के साथ पोर्टल पर लोकेशन भी होता है अपलोड डिस्ट्रक्टि हेल्थ सोसाइटी के एमएनई मधुसूदन कुमार ने बताया कि एकीकृत रोग नियंत्रण कार्यक्रम में टैब के माध्यम से एएनएम को तुरंत ही मिलने वाले मरीजों का सभी डाटा ऑनलाइन फीड करना होता है. अगर गांव में किसी दूसरी बीमारी के मरीज भी मिलते हैं, तो उनकी जानकारी इस पोर्टल पर तुरंत अपलोड करना है. साथ ही लोकेशन भी फीड करनी होती है. मरीजों की संख्या फीड होते ही सीएचसी प्रभारी, सीएमओ और अन्य अधिकारियों को इसका संदेश पहुंच जायेगा. सीएचसी प्रभारी जानकारी मिलने के साथ ही तत्काल टीम बनाकर कार्रवाई करते हुए रिमार्क डालेंगे. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, आइएचआइपी पोर्टल पर डाटा फीड करने से रियल टाइम मानिटरिंग से किसी भी बीमारी की जानकारी तुरंत वहां के सरकारी अस्पतालों के प्रमुख को मिलती है. इसके अलावा केंद्र स्तर से भी पोर्टल के माध्यम से बीमारियों पर नजर रखी जा रही है. स्वास्थ्य कर्मियों को प्रतिदिन देनी है जानकारी जिला स्वास्थ्य प्रबंधक ऋषिकेश जायसवाल ने बताया कि जिले में आइडीएसपी यानी एकीकृत रोग नियंत्रण कार्यक्रम जारी है. पोर्टल के माध्यम से संबंधित स्वास्थ्य कर्मियों को अपने-अपने क्षेत्र में फैलने वाली बीमारियों के साथ-साथ पीएचसी स्तर पर ओपीडी में इलाज की गयी बीमारियों की जानकारी प्रतिदिन देने का निर्देश दिया गया है.
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