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पुसौली का फखराबाद उत्क्रमित मध्य विद्यालय वर्षों से बाउंड्री विहीन

एनएच-19 चौड़ीकरण के दौरान तोड़ी गयी थी चहादीवारी, बच्चे असुरक्षित

एनएच-19 चौड़ीकरण के दौरान तोड़ी गयी थी चहादीवारी, बच्चे असुरक्षित एनएच के किनारे स्कूल होने से दुर्घटना की बनी रही आशंका चार साल बाद भी नहीं हुआ स्कूल में चहारदीवारी का पुनर्निर्माण पुसौली. शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए सरकार लाख कोशिशें कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत अभी भी कई जगहों पर बदहाल है. कुछ इसी तरह का नजारा कुदरा प्रखंड की घटाव पंचायत अंतर्गत पुसौली स्टेशन के समीप स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय फखराबाद में देखने को मिल रहा हैं. यहां वर्षों से बिना चहारदीवारी के ही विद्यालय संचालित हो रहा है. चहारदीवारी न होने से विद्यालय के बच्चे असुरक्षित महसूस करते हैं. विद्यालय राष्ट्रीय राजमार्ग-19 के बिल्कुल किनारे स्थित है. दिनभर वाहनों की तेज आवाजाही के कारण शिक्षकों और अभिभावकों में हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. छोटे बच्चे खेलते-खेलते सड़क की ओर चले जाते हैं, जिससे कभी भी बड़ी घटना हो सकती है. गौरतलब है कि विद्यालय में करीब 600 से अधिक बच्चों का नामांकन है और एक दर्जन से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं. बावजूद इसके विद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे है. लोगों का कहना है कि सड़क निर्माण के समय विद्यालय की बाउंड्री तो तोड़ दी गयी, लेकिन पुनर्निर्माण की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली, न एनएचएआइ इस पर ध्यान दे रही है और न ही शिक्षा विभाग इसकी सुध ले रहा है. इससे अब यह विद्यालय बदहाल स्थिति में है. लोगों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि बच्चों की सुरक्षा और विद्यालय के संरक्षण के लिए जल्द से जल्द चहारदीवारी का निर्माण कराया जाये. # सिक्सलेन के निर्माण में तोड़ी गयी थी बाउंड्री एनएचएआइ द्वारा दिल्ली से कोलकाता तक के मार्ग को सिक्सलेन बनाने के दौरान फखराबाद मध्य विद्यालय की चहारदीवारी तोड़ दी गयी थी, सड़क निर्माण कार्य के बाद विद्यालय की बगल में मिट्टी भराई कर दी गयी, लेकिन विद्यालय की बाउंड्री का निर्माण अब तक नहीं कराया गया. चार वर्ष से अधिक बीत जाने के बाद भी न तो एनएचएआइ ने इस दिशा में कदम उठाया और न ही शिक्षा विभाग ने पहल की. इस लापरवाही का असर अब विद्यालय की व्यवस्था पर साफ दिखने लगा है. चहारदीवारी टूटने के बाद शाम ढलते ही विद्यालय परिसर में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा होने लगा है. यहां विद्यालय की बगल में लगे ट्रांसफॉर्मर से हमेशा किसी अनहोनी का भय बना रहता है. शिक्षक भी मानते हैं कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से विद्यालय के चहारदीवारी का निर्माण आवश्यक है. # क्या कहते हैं प्रधाध्यापक इस संबंध में विद्यालय के प्रधानाध्यापक राकेश सिंह ने बताया कि यह बात सही है कि विद्यालय में चहारदीवारी का निर्माण अत्यंत जरूरी है, जिसकी जानकारी वरीय अधिकारियों को कई बार दी जा चुकी है. लेकिन, विभाग की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

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