करपी (अरवल). अपहृत राजद अनुसूचित जाति जिला मोरचा के जिलाध्यक्ष योगेंद्र मांझी का शव पुलिस ने नरगा गांव के बधार स्थित एक कुएं से बरामद किया है. बरामद शव कई टुकड़ों में विभक्त था. हालांकि कुएं से पुलिस ने राजद नेता का दोनों पैर, हाथ एवं धड़ निकाला है. जबकि मुंड अब तक नहीं मिला है. शव की पहचान राजद नेता के पुत्र जीने कुमार ने किया. मृतक के पुत्र ने अपने पिता के हाथ में पहने लोहे की अंगूठी से शव की पहचान की.
बताते चलें कि 13 अक्तूबर को राजद नेता का अपहरण कर लिया गया था. इसमें राजद नेता की पत्नी राजकुमारी देवी द्वारा अपने पति के अपहरण की प्राथमिकी थाने में दर्ज करायी थी. दर्ज प्राथमिकी में सूचक ने नरगा पंचायत की मुखिया सीमा देवी, मुखिया पति संतोष कुमार उर्फ भोली शर्मा समेत दो एसपीओ को नामजद अभियुक्त बनाया था. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद थाने की पुलिस लगातार विभिन्न जगहों पर छापेमारी भी की थी लेकिन राजद नेता के अपहरण की गुत्थी सुलझाने में असफल रही थी. इस मामले में अभियुक्त बनाये गये मुखिया एवं एक एसपीओ को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. हालांकि बरामदगी नहीं होते देख परिजनों ने हत्या की भी आशंका जाहिर की थी. परिजनों का शक 23 अक्तूबर को सच साबित हुआ. बुधवार को नरगा के कुछ ग्रामीणों से उक्त कुएं से दरुगध निकलने की शिकायत पुलिस से की. पुलिस सूचना मिलते ही फौरी कार्रवाई करते हुए बधार स्थित कुएं के समीप पहुंच ग्रामीणों के सहयोग से तलाशी शुरू कर दी. तलाशी के दौरान पैर और हाथ कुएं से निकलता देख पुलिस समेत ग्रामीण भी भौचक रह गये. लोगों ने शंका जाहिर की यह लाश अपहृत राजद नेता का ही है. पुलिस ने की इसकी सूचना योगेंद्र मांझी के परिजनों को दी. सूचना मिलते ही परिजन बदहवास घटना स्थल पर पहुंचे. और हाथ में पहने हुए लोहे की अंगूठी से यह पहचान करते हुए पुलिस को बताया कि शव योगेंद्र मांझी का ही है. परिजन घटनास्थल पर ही चीत्कार मार रोने लगे. वहीं पुलिस शव को अपने कब्जे में लेते हुए थाने लायी. करपी मुख्यालय में शव आते ही लोगों का गुस्सा सड़क पर फूट पड़ा. आक्रोशित लोगो ने सड़क जाम कर नारेबाजी शुरू कर दी. लोगों का आक्रोश बढ़ता देख पुलिस भी पूरी तरह सक्रिय हो गयी. हालांकि पुलिस और गुस्साएं लोगों के बीच जम कर रोड़ेबाजी भी हुई. रोड़ेबाजी की घटना में कुर्था इंस्पेक्टर नरेश शर्मा, कुर्था थानाध्यक्ष प्रमोद कुमार, आरक्षी शिवबिहारी चौहान समेत आधा दर्जन पुलिसकर्मी गंभीर रूप से जख्मी हो गये. मामले को बढ़ता देख एसपी आनंद कुमार, डीएसपी राज किशोर सिंह, एसडीओ अतिरिक्त सुरक्षा बल को लेकर पहुंचे तथा लोगों को समझाने-बुझाने का काम किया.
एसपी ने आक्रोशित लोगों को आश्वासन दिया कि घटना में शामिल अभियुक्तों को जल्द गिरफ्तार करेंगे. वहीं एसडीओ ने मृतक के परिजनों को 20 हजार रुपये का चेक दिया. उल्लेखनीय हो कि इस मामले में करपी के तत्कालीन थानाध्यक्ष मनीष कुमार को निलंबित भी किया जा चुका.