जमुई . फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर गुरुवार को राज्य सलाहकार डॉ अनुज सिंह रावत जमुई सदर अस्पताल पहुंचे. जहां लेप्रा सोसायटी के साथ बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये. बैठक में राज्य सलाहकार डॉ रावत ने कहा कि आगामी 10 फरवरी 2026 से शुरू होने वाले सर्व-जन दवा सेवन अभियान में अपनी भूमिका को सुनिश्चित करने के साथ समुदाय को फाइलेरिया उन्मूलन के लिए जागरूक करने में भी सहयोग करें. डॉ रावत ने बताया की फाइलेरिया दुनिया भर में दीर्घकालिक दिव्यांगता के प्रमुख कारणों में से एक है. आमतौर पर बचपन में होने वाला यह संक्रमण लिम्फैटिक सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है और अगर इससे बचाव न किया जाए तो इससे शारीरिक अंगों में असामान्य सूजन होती है. फाइलेरिया के कारण पुरुषों में हाइड्रोसील (अंडकोष की थैली में सूजन), लिम्फोडेमा (अंगों की सूजन) व काइलुरिया (दूधिया सफेद पेशाब) से ग्रसित लोगों को अत्यंत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. जिससे उनकी आजीविका व काम करने की क्षमता भी प्रभावित होती है. उन्होंने बताया की फाइलेरिया उन्मूलन के लिए फाइलेरिया जैसी गंभीर एवं संक्रामक वाली बीमारी से उन्मूलन के लिए नाईट ब्लड सर्वे की शुरुआत बहुत जल्द ही शुरू की जानी है. यह सर्वेक्षण रात में किया जाता है क्योंकि फाइलेरिया के परजीवी जिसे माइक्रोफिलेरिया कहते हैं ये परजीवी सिर्फ रात में ही रक्त में सक्रिय होते हैं. इस सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य यह जानना है कि किसी क्षेत्र में फाइलेरिया के प्रसार की दर और फाइलेरिया से संक्रमित लोगों की संख्या कितनी है. यह सर्वे जिले के सभी प्रखंड में किया जाना है जिसमें लेप्रा सोसायटी द्वारा संचालित परियोजना एसपायर के कर्मचारी स्वास्थ्य विभाग को पूरा सहयोग प्रदान करेगी. यह सर्वेक्षण फाइलेरिया के उन्मूलन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. जो सुनिश्चित करता है कि बीमारी से प्रभावित लोगों की पहचान की जाए और उन्हें समय पर उपचार प्रदान किया जाए. बैठक में लेप्रा सोसायटी के आलोक रॉय, मनोज कुमार, पिंटू कुमार, होमा परवीन, आशा कुमारी सहित अन्य कार्यकर्त्ता उपस्थित थे.
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