जमुई . प्राथमिक उपस्वास्थ्य केंद्र, बरहट में तैनात सुरक्षा गार्डों की ज़िंदगी इन दिनों बदहाली के दौर से गुजर रही है. पिछले 18 महीनों से वेतन नहीं मिलने के कारण गार्ड अशोक कुमार और सूरज कुमार समेत अन्य कर्मी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. घर का खर्च चलाना मुश्किल हो गया है, बच्चों की पढ़ाई तक अधर में लटक गई है. सुरक्षा गार्डों ने बताया कि वे सामंता दूर्गा पाड़ा एजेंसी के माध्यम से अस्पताल परिसर की सुरक्षा, एंबुलेंस की देखरेख और मरीजों की सहायता जैसे कार्यों में दिन-रात डटे रहते हैं. बावजूद इसके उन्हें डेढ़ साल से एक भी माह का वेतन नहीं मिला है.उन्हें हर महीने आश्वासन जरूर दिया जाता है, लेकिन हकीकत में केवल इंतजार और मायूसी ही हाथ लगती है. कई बार उच्चाधिकारियों से गुहार भी लगाई गई, मगर समस्या जस की तस बनी हुई है.
विभाग भेजता है राशि, फिर भी नहीं मिलता वेतन
इस गंभीर मामले पर जब प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक जूही अलका से बात की गयी, तो उन्होंने स्वीकार किया कि विभाग हर माह एजेंसी को भुगतान करता है. उन्होंने बताया कि “विभाग सुरक्षा गार्डों के मानदेय के लिए नियमित राशि भेजता है और अस्पताल प्रशासन की ओर से एजेंसी को भुगतान भी किया जाता है. ऐसे में गार्डों को वेतन नहीं मिलना गंभीर और चिंता का विषय है. अब सवाल उठता है कि आखिर एजेंसी कर्मियों को भुगतान क्यों नहीं कर रही है. इसका जवाब अभी तक नहीं मिल पाया है.
गार्ड की गुहार, अब सरकार ही करे हस्तक्षेप
गार्ड अशोक कुमार ने बताया कि वे अब कर्ज में डूब चुके हैं. बच्चों की स्कूल फीस जमा नहीं हो पा रही है, घर का राशन उधार लिया जा रहा है. उन्होंने मांग की कि या तो एजेंसी उन लोगों को जल्द भुगतान करे या फिर सरकार व स्वास्थ्य विभाग स्वयं हस्तक्षेप करे.
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