गिद्धौर. सोमवार देर रात गिद्धौर दिग्विजय सिंह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाजरत मौरा महादलित टोला निवासी अनिल मांझी उर्फ छोटू मांझी, 40 वर्ष की मौत हो जाने पर परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन व चिकित्सकों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया. मृतक अनिल की पत्नी सावित्री देवी विवेक मांझी ने बताया कि बुखार व पेट दर्द की शिकायत होने पर उन्हें अस्पताल लाये थे. अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात एक महिला स्वास्थ्य कर्मी ने उसे स्लाइन लगाया और कहा कि चिंता की बात नहीं है, थोड़ी देर में ठीक हो जायेगा. इसके बाद स्वास्थ्य कर्मी सोने चले गये, जबकि अनिल की तबीयत अचानक खराब हो गयी और तभी हमलोग जोर-जोर से चिल्लाने लगे. हमलोगों ने अस्पताल कर्मियों को जगाने का प्रयास किया, लेकिन किसी ने ना सुना और अंततः इलाज न होने से अनिल की मौत हो गयी. घटना के बाद अस्पताल प्रबंधन ने एंबुलेंस द्वारा शव को घर भेज दिया गया. स्थानीय लोगों ने बताया कि अस्पताल प्रबंधन के लापरवाह रवैये के कारण यह कोई पहली घटना नहीं, बल्कि एक निरंतर समस्या रहती है. इस मामले पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ नरोत्तम कुमार सिंह ने कहा कि मृतक की हालत पहले से ही गंभीर थी और उपचार जारी था. उन्हें बेहतर इलाज के लिए रेफर किया गया लेकिन तब तक ही उसकी मौत हो गयी. उन्होंने परिजनों द्वारा लगाये गये आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि स्वास्थ्य केंद्र द्वारा समुचित इलाज प्रयास किए गये थे.
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