जमुई. मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत मिली राशि से महिलाओं के जीवन में बड़ा परिवर्तन आया है. महिलाओं का कहना है कि इस मदद से वो अपने जीवन की परेशानियों को दूर कर सकती हैं. गौरतलब है कि जिले की 1 लाख 16 हजार से अधिक महिलाओं के खातों में पहली किस्त के रूप में दस हजार रुपये मिले हैं. महिलाओं ने कहा कि वह भी अपने बलबूते समाज में अपनी पहचान एक महिला उद्यमी के रूप में बना सकती हैं. रोजगार शुरू करने को लेकर उनमें एक ललक देखने को मिल रही है. इस योजना के तहत प्राप्त राशि से कोई किराना दुकान, शृंगार दुकान, सिलाई, कृषि, कपड़ा दुकान, पार्लर, पशुपालन इत्यादि कर अपनी पहचान एक महिला उद्यमी रूप में स्थापित करना चाहती हैं. इनमें से कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं, जो पहले से अपना कोई छोटा-मोटा रोजगार कर रही हैं, जिसे वह योजना के तहत मिली राशि से विस्तारित करना चाहती हैं, तो इनमें से ज्यादातर महिलाएं अपना नया व्यवसाय शुरू कर अपने को आत्मनिर्भर बनाना चाहती हैं. खाते में रोजगार के लिए पैसे आते ही महिलाओं में ख़ुशी की लहर देखने को मिली.
अलग-अलग परेशानियों से मिलेगी निजात
इन्हीं महिलाओं में से एक हैं अमरथ निवासी सईदा खातून, जो जीविका के आमना समूह से जुड़ी हुई हैं. बीमारी की वजह व पैसे के अभाव में वह अपना किराना दुकान सही से चला नहीं पा रही थी. जैसे ही इनके खाते में रोजगार के लिए 10 हजार रुपये मिला, उनकी ख़ुशी देखने लायक थी. उनका कहना है कि वह इन पैसों से फिर से अपने रोजगार को खड़ा करने में लगाएंगी और अपना और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत करेंगी. जमुई सदर के खरसारी ग्राम निवासी विष्णु स्वयं सहयता समूह की बोबी देवी सबसे पहले मुख्यमंत्री जी को इस योजना के लिए धन्यवाद देते हुए कहती हैं कि यह योजना महिलाओं को उनकी आर्थिक समृद्धि के लिए वरदान है. सरकार के द्वारा रोजगार के लिए जो आर्थिक मदद की जा रही है, वह काबिले तारीफ है. बॉबी देवी जिला मुख्यालय से करीब 20 किलोमीटर दूर रहती हैं. वह बताती हैं कि उनके गांव में फोटोस्टेट की सुविधा नहीं है. वह मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना से प्राप्त राशि से फोटोस्टेट मशीन खरीद कर अपना व्यवसाय शुरू करना चाहती हैं. हरला ग्राम निवासी रामवती देवी बताती हैं कि उसे भी इस योजना के तहत 10 हजार रुपये मिला है और वह इस पैसों से बकरी पालन करेंगीं और साथ ही सिलाई मशीन खरीदकर सिलाई का भी काम करेगी. हालांकि, रामवती पहले से ही मछली पालन कर रही है, लेकिन इसमें इनके पति का सहयोग रहता है. इसलिए रामवती का कहना है कि वह रोजगार योजना से प्राप्त राशि से अपना खुद का रोजगार करेंगी और आत्मनिर्भर बन महिला उद्यमी की पहचान बनायेंगी. गारो नवादा की रूबी देवी ब्यूटी पार्लर खोलना चाहती हैं. अमरथ की गजाला परवीन घर पर ही मनिहारी दुकान चलाती हैं. योजना के तहत मिली राशि से वह इसे और बड़ा बनाने की चाह रखती हैं. लोहरा निवासी आभा देवी एवं बिजुवाही की संगीती देवी ने योजना की राशि से गाय खरीदी हैं, जिससे वह दूध का कारोबार करेंगी. इस तरह की कई ऐसी महिलाएं हैं जो रोजगार को लेकर अपने-अपने विचार व्यक्त कर रही हैं.कोट :
1. बीमारी और पैसों की कमी से मेरा किराना दुकान ठीक से नहीं चल पा रहा था. योजना से 10 हजार रुपये मिलते ही उम्मीद जगी है कि मैं फिर से दुकान को खड़ा करूंगी और अपने परिवार की स्थिति मजबूत करूंगी.सईदा खातून
2. सबसे पहले मैं मुख्यमंत्री जी को धन्यवाद देती हूं. यह योजना महिलाओं के लिए वरदान है. मैं इस पैसे से फोटोस्टेट मशीन खरीदकर अपने गांव में ही दुकान खोलूंगी, ताकि गांव की जरूरत पूरी हो और मुझे भी रोज़गार मिल सके.बॉबी देवी
3. योजना से मिले पैसों से मैं बकरी पालन करूंगी और सिलाई मशीन खरीदकर काम शुरू करूंगी. पहले से मछली पालन करती हूं, लेकिन उसमें पति का सहयोग रहता है. अब मैं खुद का रोजगार खड़ा कर महिला उद्यमी बनना चाहती हूं.रामवती देवी
4. मेरी ख्वाहिश है कि मैं अपना ब्यूटी पार्लर खोलूं. इस पैसे से मैं पार्लर का सामान जुटाकर महिलाओं को रोजगार भी दूंगी और खुद भी आत्मनिर्भर बनूंगी.रूबी देवी
5. घर पर छोटी मनिहारी दुकान चलाती हूं. योजना से मिले पैसे से दुकान को बड़ा करूंगी और अपने कारोबार को आगे ले जाऊंगी.गजाला परवीन
– हमने योजना की राशि से गाय खरीदी है. अब हम दूध बेचकर आर्थिक रूप से मजबूत होंगी और घर का खर्च भी आसानी से उठा पाएंगी.आभा देवीB
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