बरहट . जीविका योजना के तहत खातों में सहायता राशि आते ही प्रखंड क्षेत्र के बैंकों, ग्राहक सेवा केंद्रों व ऑनलाइन कैफे में इन दिनों भारी भीड़ देखी जा रही है. सुबह से ही महिलाओं की लंबी कतारें बैंकों के बाहर लग जा रही हैं. हालात यह हैं कि छोटे बच्चों को गोद में लिए महिलाएं घंटों लाइन में खड़ी होकर पैसा निकालने का इंतजार कर रही हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा जीविका समूह की प्रत्येक महिला को ₹10,000 की सहायता राशि भेजे जाने के बाद से यह भीड़ और बढ़ गयी है. महिलाओं में पैसा निकालने को लेकर काफी उत्साह है, लेकिन बैंकों और सीएसपी केंद्रों पर सीमित संसाधनों के कारण निकासी प्रक्रिया बेहद धीमी हो गयी है.
सीमित काउंटर, सर्वर की समस्या, नकदी की कमी
सीएसपी संचालक अंकित कुमार सिंह, पवन कुमार, विकास कुमार और कैफे संचालक धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि सबसे अधिक भीड़ जीविका समूह की महिलाओं की है. उन्होंने बताया कि सीमित काउंटर, नकदी की कमी और बार-बार सर्वर फेल होने के कारण एक ट्रांजेक्शन में ही 10 से 15 मिनट का समय लग रहा है. इससे लेन-देन की प्रक्रिया बाधित हो रही है.
अफवाह बन रही परेशानी की बड़ी वजह
कई महिलाओं में अफवाह फैल गयी है कि यदि खाते में आयी राशि को तुरंत नहीं निकाला गया, तो पैसा सरकार वापस ले लेगी. इसी डर से वे बार-बार बैलेंस चेक कराने या पैसे निकालने पहुंच रही हैं. जिनके खाते में अब तक पैसा नहीं आया है, वे भी लाइन में लगकर स्थिति की जानकारी लेने पहुंच रही हैं, जिससे भीड़ और अधिक बढ़ गयी है.बैंककर्मी दिनभर दबाव में काम कर रहे
बैंकों के बाहर लंबी कतारों ने जहां आम ग्राहकों की परेशानी बढ़ा दी है. वहीं बैंककर्मियों पर भी कार्यभार कई गुना बढ़ गया है. सीमित स्टाफ के बीच वे लगातार बिना रुके लेन-देन संभालने को मजबूर हैं. कई कर्मी थकान के बावजूद अपनी ड्यूटी निभाते नजर आये.
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