चकाई . प्रखंड के बटपार गांव स्थित प्रसिद्ध मां लक्खी मंदिर का पट सोमवार की शाम खुलते ही दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी. आश्विन पूर्णिमा की पावन तिथि पर वैदिक विधि-विधान के साथ मां की प्राण-प्रतिष्ठा कर मंदिर का पट आम श्रद्धालुओं के लिए खोला गया. इसके साथ ही मंदिर प्रांगण में तीन दिवसीय मेला की भी शुरुआत हो गयी. मंदिर के प्रधान पुजारी जयनारायण पांडेय व शांति पांडेय ने बताया कि सोमवार शाम करीब छह बजे मां लक्खी की प्रतिमा को पिंडी पर विराजमान कर पूजा-अर्चना की गयी. इसके बाद मंदिर का पट खोला गया, जहां रात से ही श्रद्धालु मां के दर्शन को उमड़ने लगे.मेला में श्रद्धालु पूजा-अर्चना के उपरांत विभिन्न मनोरंजन व खानपान के स्टॉल का आनंद ले रहे हैं. पूजा समिति की ओर से झूला, बिजली चलित तारामाची, कठपुतली नाच जैसे मनोरंजन के साधन लगाये गये हैं. वहीं लजीज मिठाइयों की दुकानों पर भी भीड़ देखी जा रही है. पूजा समिति के सदस्य बालमुकुंद राय ने बताया कि बटपार गांव में पिछले 125 वर्षों से भी अधिक समय से आश्विन पूर्णिमा के दिन मां लक्खी की पूजा की परंपरा चली आ रही है. स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग से हर साल श्रद्धा और विधि-विधान से पूजा होती है. बटपार में लक्खी मंदिर का निर्माण नहीं होने के कारण फिलहाल दुर्गा मंदिर में ही मां की प्रतिमा स्थापित कर पूजा की जाती है. इस अवसर पर बिहार-झारखंड के सुदूर क्षेत्रों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं. समिति से जुड़े शंभू नाथ सहाय, जीवलाल सिंह, गुड्डु राय, राजेश पासवान आदि आयोजन की सफलता में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं. समिति के सदस्यों ने बताया कि बुधवार को नगर भ्रमण के बाद मां की प्रतिमा का विसर्जन पड़रिया आहर में किया जायेगा.
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