कृषि विज्ञान केंद्र जमुई में 15 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ, मंत्री ने की केंद्र की प्रशंसा
जमुई. उर्वरक अनुज्ञप्ति ग्रामीण रोजगार सृजन में मील का पत्थर साबित होगी. जो युवा यह प्रशिक्षण पूरा कर उर्वरक की दुकान शुरू करेंगे, उन्हें वैज्ञानिक जानकारी का लाभ मिलेगा और उनका व्यवसाय तेजी से आगे बढ़ेगा. उक्त बातें शनिवार को कृषि विज्ञान केंद्र, जमुई में समेकित पोषक तत्व प्रबंधन विषय पर 15 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने कही. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने और कृषि क्षेत्र में दक्षता बढ़ाने की दिशा में कृषि विज्ञान केंद्र की यह पहल सराहनीय है. मंत्री श्री ठाकुर केंद्र परिसर में स्थापित सूकर पालन, बकरी पालन एवं मुर्गी पालन इकाइयों का अवलोकन किया और सराहना करते हुए कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र छोटे किसानों को ध्यान में रखकर उत्कृष्ट कार्य कर रहा है. इस दौरान उन्होंने पौधरोपण भी किया और लोगों से बढ़-चढ़कर पौधे लगाने की अपील की. उन्होंने केंद्र में विकसित वाटर एप्पल, अति चीकू जैसे नए फलों के बागों और टपक सिंचाई प्रणाली की भी सराहना की. मौके पर बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना के निदेशक डॉ निर्मल सिंह दहिया ने कहा कि प्रशिक्षण में प्रतिभागियों को मिट्टी की उर्वराशक्ति बढ़ाने, मिट्टी जांच की उपयोगिता, पोषक तत्वों की गणना, कमी के लक्षणों की पहचान व निदान जैसे विषयों की जानकारी दी जायेगी. व्याख्यान के साथ-साथ प्रायोगिक सत्र भी आयोजित होंगे, जिससे प्रतिभागियों की व्यावसायिक दक्षता में वृद्धि हो सके.वहीं कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख डॉ सुधीर सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण में जमुई के लक्ष्मीपुर प्रखंड से सबसे अधिक प्रतिभागी शामिल हैं. उन्होंने यह भी जानकारी दी कि बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ इंद्रजीत सिंह का जमुई के किसानों के प्रति विशेष ध्यान है. साथ ही बताया कि जमुई जिले से 10 ग्रामीण युवाओं को सूकर पालन का प्रशिक्षण लेने के लिए लुधियाना भेजा गया है. भविष्य में यह व्यवसाय जिले में नई संभावनायें खोलेगा. कार्यक्रम में जिलाध्यक्ष ई शंभू शरण, जिला कृषि पदाधिकारी ब्रजेश कुमार, कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ डॉ प्रवीण कुमार, सुष्मिता रानी, प्रक्षेत्र प्रबंधक रोहित सिंह सहित सैकड़ों किसानों और ग्रामीण युवाओं ने हिस्सा लिया.
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