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बिहार में स्वास्थ्य विभाग को चाहिए कोरोना से हुई मौत का आंकड़ा, जिलों और मेडिकल कॉलेजों से मांगी रिपोर्ट

स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि राज्य में कोरोना से होनेवाली मौत को लेकर 10 दिनों में राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों और जिलों से जानकारी मांगी गयी है. इसके लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में प्राचार्य की अध्यक्षता में और जिलों में सिविल सर्जन की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है.

पटना. स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने बताया कि राज्य में कोरोना से होनेवाली मौत को लेकर 10 दिनों में राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों और जिलों से जानकारी मांगी गयी है. इसके लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में प्राचार्य की अध्यक्षता में और जिलों में सिविल सर्जन की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है.

उन्होंने बताया कि सरकार यह चाहती है कि कोरोना से होनेवाली मौत के आंकड़ों की सूचना प्राप्त करने के साथ ही कोई परिवार उसके तहत मिलनेवाली सहायता से भी वंचित नहीं रह जाये.

पत्रकारों से बातचीत में अपर मुख्य सचिव ने बताया कि मेडिकल कॉलेज की कमेटी में प्राचार्य, अधीक्षक और मेडिसिन विभागाध्यक्ष को शामिल किया गया है, जबकि जिलों में सिविल सर्जन, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी व सिविल सर्जन द्वारा नामित डॉक्टर को कमेटी में शामिल किया गया है.

उन्होंने बताया कि यह कमेटी कोरोना से मरनेवालों की रिपोर्ट देगी, न कि कोरोना जैसे लक्षणों से मरनेवाले मरीजों के मौत के संबंध में. उन्होंने बताया कि कोरोना मरीजों के मौत की सूचना के पांच स्रोत हैं. इनमें घर में, कोविड केयर सेंटर में, जिला कोविड हेल्थ सेंटर में या डेडीकेटेड कोविड हॉस्पीटल में मौत हो सकती है.

80 हजार से अधिक आशा काे दिये गये थर्मामीटर

प्रत्यय अमृत ने बताया कि मुख्यमंत्री ने सोमवार को होम आइसोलेशन टेस्टिंग एप लंच किया. इसकी सराहना प्रधानमंत्री ने भी की और इसकी उपयोगिता राष्ट्रीय स्तर पर तलाशने का निर्देश दिया. राज्य की 80 हजार से अधिक आशा और चार हजार आशा फैसिलिटेटर को पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर दिया गया है.

आशा अपने कार्यक्षेत्र में हर घर में जाकर बुखार से पीड़ित लोगों का तापमान और ऑक्सीजन के लेवल की जांच करेंगी. साथ ही वह उसको अपने स्तर से रियल टाइम रिपोर्ट जिले को भेजेंगी, जो राज्य मुख्यालय को प्राप्त होगा. उन्होंने बताया कि पहले चरण में इसको पांच जिलों में लागू किया गया था. अब राज्य के सभी जिलों में लागू कर दिया गया है.

सभी 1556 एपीएचसी खोलने का निर्देश

उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान बेहतर इलाज के लिए पहले सभी अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को बंद कर दिया गया था. विभाग ने यह निर्णय लिया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना मरीजों को सेवा उपलब्ध कराने के लिए अब सभी 1556 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों खोले जाएं.

Posted by Ashish Jha

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