हाजीपुर. जाति-धर्म के नाम पर मानव से मानव की बढ़ती दूरी, सामाजिक असमानता और असहिष्णुता के इस दौर में प्रेम, बंधुत्व और एकता को मजबूत करने के लिए साईं बाबा के संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने की जरूरत है. उनके बताये मार्ग पर चलकर ही मानव का कल्याण होगा. ये बातें साईं भक्तों की परिचर्चा में कही गयीं. नारायण सेवा संस्थान के तत्वावधान में श्रीसत्य साईं भगवान का भजन-कीर्तन और परिचर्चा आयोजित की गयी. शहर के नखास-मस्जिद चौक रोड स्थित आवासीय परिसर में कार्यक्रम की अध्यक्षता आरएन कॉलेज के पूर्व अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो जितेंद्र नाथ ने की. संचालन समाजसेवी ओमप्रकाश साह ने किया. शीला नाथ ने सरस्वती वंदना की प्रस्तुति से कार्यक्रम की शुरुआत की. परिचर्चा में मुख्य वक्ता साहित्यकार रवींद्र कुमार रतन ने सतयुग, त्रेता, द्वापर और कलयुग की चर्चा करते हुए कहा कि हर युग में भगवान की पूजा-पाठ होती रही है. साईं बाबा हमारे ज्ञान के प्रकाश पुंज हैं. जाति-धर्म से ऊपर उठकर मानव कल्याण के लिए उन्होंने प्रेम, शांति, एकता का मार्ग दिखाया. समाज में शांति, सद्भाव और समृद्धि के लिए हम भक्तजन साईं बाबा के शरण में जाने का प्रयास करते हैं. अध्यक्षीय संबोधन में प्रो जितेंद्र नाथ ने कहा कि साईं बाबा के भजन से मन को शांति मिलती है, स्फूर्ति और आनंद का अनुभव होता है. कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि कामेंद्र कुमार श्रीवास्तव, लीला देवी, संध्या देवी, सरस्वती देवी, आशा भारती, सिम्मी कुमारी, निर्जला कुमारी, अर्थव राज सोनी, आयुष सोनी, वंदना कुमारी, मीना देवी, अदिति सोनी, आकाश कुमार, सुनील कुमार, सत्यम कुमार, सचिन कुमार आदि ने विचार रखे.
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