33.5 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

2 करोड़ तक की बिकती है चीनी लड़ियां

2 करोड़ तक की बिकती है चीनी लड़ियां नेपाल के रास्ते बड़े पैमाने पर हो रही तस्करी, कम कीमत के कारण ग्राहक दे रहे तरजीह फोटो नं-4संवाददाता, गोपालगंज. दीपावली पर हमारे घर को जगमगाने में चीनी लड़ियों का कोई सानी नहीं है. स्वदेशी आइटमों की चमक फीकी कर चाइनीज झालरों ने जिस तरह पूरे मार्केट […]

2 करोड़ तक की बिकती है चीनी लड़ियां नेपाल के रास्ते बड़े पैमाने पर हो रही तस्करी, कम कीमत के कारण ग्राहक दे रहे तरजीह फोटो नं-4संवाददाता, गोपालगंज. दीपावली पर हमारे घर को जगमगाने में चीनी लड़ियों का कोई सानी नहीं है. स्वदेशी आइटमों की चमक फीकी कर चाइनीज झालरों ने जिस तरह पूरे मार्केट पर कब्जा कर लिया है, उससे फुटकर दुकानदारों की चांदी है. जबकि स्वदेशी के कारोबारी धंधा मंदा पड़ने की फिक्र में बेचैन हैं. नेपाल के रास्ते बड़े पैमाने पर तस्करी कर लायी जा रही चीनी सामग्रियों से दीपावली जोरों से मन रही है. स्वदेशी को भूल सस्ते के चक्कर में उपभोक्ता, चाइनीज झालर और रोशनी के प्रोजेक्टर खरीद रहे हैं. इससे चीन के कारोबारियों को मोटी आय हो रही है और देश के झालर बनाने वाले पिछड़ते जा रहे हैं. चीन में निर्मित उत्पादों ने भारतीय बाजार पर एक तरह से कब्जा जमा रखा है. माल की गारंटी भले ही न हो, लेकिन सस्ते के फेर में लोग इनकी ओर आकर्षित हो रहे हैं. दीपावली पर रोशनी और सजावट के लिए इस्तेमाल होने वाली विद्युत झालरों आदि के बाजार में भी चाइनीज आइटम की हुए हैं. अनुमान के मुताबिक केवल गोपालगंज में ही चाइना लाइट्स की खपत 1.28 करोड़ रुपये तक बैठती है. जबकि स्थानीय स्तर पर तैयार होने वाली झालरों आदि की खपत इससे कहीं कम है. पिछले पांच-छह साल में इसने लगभगर पूरे बाजार पर कब्जा जमा रखा है. 15 रुपये से चीनी लड़ियों की खरीद की जा सकती है. स्वदेशी हैं बेहतर, लेकिन महंगा क्वालिटी के मामले में स्वदेशी लाइट चीनी लाइटों से बेहतर, पर थोड़े महंगे हैं. चीन की 30 फुट की झालर 30 रुपये की है. जबकि मेड इन इंडिया 36 फुट की झालर 130 रुपये में बिक रही है. किफायती और क्वालिटी की आजमाइश में लंबे समय तक उपयोग करने वाले ग्राहक स्वदेशी झालर ही खरीद रहे हैं.टर्नओवर 1.5 से 2 करोड़बताया गया कि गोपालगंज जिले में चाइनीज लाइट बेचने वालों की 150 से अधिक दुकानें है. जन्माष्टमी से ही मार्केट में ये बिकने लगते हैं. एेसे में दो से तीन महीने के त्योहारी सीजन में 2 करोड़ रुपये तक का कारोबार होता है. हरेक विक्रेता की एक से डेढ़ लाख रुपये की औसत बिक्री होती है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें