– संजय कुमार अभय –
गोपालगंज : भारतीय रिजर्व बैक से करेंसी नहीं मिलने के कारण जिले के बैंक आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. भारतीय स्टेट बैंक का खजाना महीनों से खाली है. करेंसी के अभाव में बैक अधिकारी मुश्किल में पड़े हुए हैं. मैनेज कर किसी तरह बैंक को चलाया जा रहा है.
इससे ग्राहकों को काफी फजीहत का सामना करना पड़ रहा है. मार्च के बाद आरबीआइ ने बैंकों को करेंसी देना बंद कर दिया है. इस कारण अप्रैल से भारतीय स्टेट बैंक का खजाना खाली पड़ा है.
दर्जनों बार मांग करने के बाद बड़ी मुश्किल से मई के तीसरे सप्ताह में एक सौ करोड़ रुपये बैंक ऑफ बड़ौदा से भारतीय स्टेट बैंक को उपलब्ध कराया गया. बैक ने अधिकांश सौ का नोट दिया, जिसके कारण एटीएम मे डालना संभव नहीं था. गोपालगंज स्टेट बैंक की मुख्य शाखा से ही जिले की अन्य शाखाओं में रुपये का स्थानांतरण किया जाता है. इस कारण ग्रामीण क्षेत्र के बैंक भी संकट से जूझ रहो हैं.
बताते चलें कि मुख्य शाखा से चार दर्जन से अधिक पत्र आरबीआइ, पटना को लिखा जा चुका है. आरबीआइ ने फिलहाल करेंसी देने में हाथ खड़ा कर दिया है. इससे स्टेट बैंक समेत अन्य बैंकों में करेंसी का संकट उत्पन्न हो गया है.
लिंक फेल का बहाना
भारतीय स्टेट बैंक हो या अन्य बैंक, करेंसी के अभाव में बैक का लिंक फेल होने का बहाना कर रहे हैं. ग्राहक लिंक नहीं होने के कारण देर शाम तक बैंक में बैठ कर लिंक आने का इंतजार करते रहते हैं. अंत में जब लिंक नहीं आता तो खाली हाथ लौट जाते हैं. शहर के बड़े–बड़े खाताधारियों से सीधे शाखा प्रबंधक जुड़े रहते हैं.
उनसे जमा होने वाली राशि के बल पर बैंक का फुट कर भुगतान हो पा रहा है. इसके अलावा बैंकों में आम ग्राहक जितनी राशि जमा कर रहे हैं, उतनी ही राशि का भुगतान किसी तरह हो पा रहा. ग्राहक को नहीं पता कि करेंसी संकट से बैंक जूझ रहा है.
एटीएम का नहीं खुल रहा ताला
करेंसी के अभाव में जिले के स्टेट बैंक की एटीएम में ताले लटके हुए हैं. पिछले 15 दिनों से एटीएम पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है. एटीएम के लिए पांच सौ या हजार रुपये की करेंसी की आवश्यकता है, जो बैंक के पास नहीं है. मजबूरी में ताला नहीं खोला जा रहा. मुख्य शाखा के नीचे लगी एटीएम को किसी तरह बैंक अवधि में पांच सौ के नोट को चुन कर किसी तरह एटीएम को चलाया जा रहा है.
स्टेट बैंक की एटीएम बंद हो जाने से अन्य बैंक की एटीएम भी घंटा–दो घंटे में ही बंद हो जा रहा. आइसीआइसीआइ बैंक को छोड़ दें तो अन्य बैंकों से रुपये निकालना मुश्किल हो गया है.
इन दिनों शहर हो या गांव लोग एटीएम पर ही निर्भर हो गये हैं. बड़े शहरों से लोग अब पैसा लेकर घर नहीं आते. एटीएम के भरोसे ही सारा काम टिका हुआ है. ऐसे में आरबीआइ से करेंसी नहीं दिये जाने से आम लोगों का कामकाज बाधित हो रहा है.