गया जी. टीचर ट्रेनिंग कॉलेज में शुक्रवार को बीएड प्रशिक्षुओं द्वारा वाक फॉर डिस्लेक्सिया जागरूकता रैली का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्देश्य अभिभावकों, शिक्षकों तथा समाज में डिस्लेक्सिया के प्रति जागरूकता लाना और सीखने में कठिनाई का सामना कर रहे बच्चों के प्रति सहानुभूति तथा सहयोग की भावना विकसित करना था. इस अवसर पर कॉलेज की प्राचार्य डॉ गीता पांडे के निर्देशन व नेतृत्व में रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया. रैली में प्रशिक्षुओं ने डिस्लेक्सिया से संबंधित संदेशों वाले पोस्टर और बैनर लेकर लोगों को जागरूक किया. प्राचार्य न इस अहम विषय पर जागरूकता के लिए सभी व्याख्याताओं, प्रशिक्षुओं और सहयोगी संस्थाओं का आभार व्यक्त किया. सभी प्रतिभागी लाल परिधान व लाल रिबन धारण किये हुए थे, जो डिस्लेक्सिया जागरूकता का प्रतीक है. व्याख्याता डॉ नीतू सिंह ने भी प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए कहा कि समय पर डिस्लेक्सिया की पहचान और शैक्षिक हस्तक्षेप के माध्यम से बच्चों को सीखने और पढ़ने के नये, प्रभावी तरीके सिखाए जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि डिस्लेक्सिया पर बच्चों का नियंत्रण नहीं होता. अतः अभिभावक और शिक्षक धैर्यपूर्वक सहयोग एवं प्रोत्साहन दें. मौके पर डॉ मो तनवीर खान, अमृता प्रियम, रामसागर यादव, शिव कुमार चौधरी, राजकुमार, प्रीतम कुमार दीपक, डॉ विभा सिंह, अमृता प्रियम व डॉ मुकेश कुमार सहित कॉलेज कर्मी अर्चना कुमारी, चंदन कुमार, जितेंद्र कुमार, शैलेन्द्र कुमार, सुरेन्द्र कुमार, रामचंद्र, बबलू कुमार, विवेकानंद व अन्य थे.
डिस्लेक्सिया पर कार्यशाला का आयोजन
रैली से पूर्व डिस्लेक्सिया पर कार्यशला का आयोजन किया गया. जिसमें डिस्लेक्सिया: समझ और समाधान विषय पर विस्तृत चर्चा की गई. विशेषज्ञ डॉ गीत ओबेरॉय ने विषय अपने विचार साझा किये. उन्होंने बताया कि डिस्लेक्सिया एक ऐसी सीखने से संबंधित विकलांगता है, जिसमें बच्चे को पढ़ने, लिखने, वर्तनी व उच्चारण में कठिनाई होती है. इसलिए इसके पीड़ित बच्चों को सहानुभूति और सही शिक्षण विधियों की आवश्यकता होती है न कि आलोचना की. डॉ ओबेरॉय ने बताया कि विश्वविख्यात वैज्ञानिक आइंस्टीन और थॉमस एडिसन भी डिस्लेक्सिया से प्रभावित थे, फिर भी उन्होंने अपनी प्रतिभा और दृढ़ संकल्प के बल पर विश्व में एक विशिष्ट स्थान बनाया.
जागरूकता पोस्टर व रंगोली से डिस्लेक्सिया की दी जानकारी
बीएड प्रशिक्षुओं ने डिस्लेक्सिया विषय पर पोस्टर निर्माण व रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया. प्रतिभागियों में कोमल, सरिता, दिव्या, अंकिता, पूजा, रिशु, स्मृति, श्रेया, तृषा, फौजिया, गुड़िया, अभिषेक, अंकित, बादल, सनी, नीरज, रजनीश, राकेश, रविकांत, दीपक, ताहिर इमाम, धीरज कुमार गुप्ता, बसंत, नीतीश कुमार, ऋतिक, धर्मेंद्र, पल्लव आदि प्रशिक्षुओं ने अपनी प्रतिभा से पोस्टर व रंगाेली से डिस्लेक्सिया की दी जानकारी.
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