बोधगया: मगध विश्वविद्यालय के कार्यकारी कुलपति (वीसी) सह मगध प्रमंडल के आयुक्त आरके खंडेलवाल गुरुवार को विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों से रूबरू हुए. उन्होंने विभागों की संरचना, कार्यकलाप व योजनाओं का भी आकलन किया. बॉटनी विभाग के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में सबसे पहले कुलसचिव डॉ डीके यादव के कार्यालय के कार्य, जिम्मेवारियां, कार्यरत कर्मचारियों की संख्या सहित तमाम समस्याओं पर प्रेजेंटेशन हुआ. इसके बाद कॉलेज निरीक्षक शैलेंद्र कुमार ने कॉलेजों की जांच व संबद्धता की प्रक्रिया से अवगत कराया.
कामकाज में आनेवाली परेशानियों पर भी बोले. वीसी ने उनसे बाद में कुछ और जानकारियां भी उपलब्ध कराने को कहा. बैठक शाखा के प्रभारी सह पीआरओ डॉ एमएस इसलाम का प्रेजेंटेशन हुआ. उन्होंने शाखा में कार्यरत कर्मचारियों व उनके कार्यो के बारे में बताते हुए जिम्मेवारियां, उपलब्धियां व समस्याओं का भी जिक्र किया. वीसी ने उनसे कई प्रश्न किये और समस्याओं के निदान के उपाय पर चर्चा करने को भी कहा. लीगल सेक्शन के प्रभारी दीपक कुमार ने शाखा द्वारा निष्पादित व लंबित मामलों का आंकड़ा प्रस्तुत करते हुए बताया कि विश्वविद्यालय के बजट में लीगल सेक्शन के लिए फंड नहीं है.
इंफ्रास्ट्रर का भी अभाव बताया. वीसी ने इस मामले में वित्तीय सलाहकार से फंड की जानकारी ली. विश्वविद्यालय के ऑटोमेशन सेल के प्रभारी संजय तिवारी ने भी अपनी प्रस्तुति दी. इस दौरान वीसी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कॉलेजों से संपर्क करने के बारे में भी जानकारी ली. उन्हें बताया गया कि पटना व गया स्थित एक -एक कॉलेजों में फिलहाल यह सुविधा उपलब्ध हो सकी है. वीसी ने इसके लिए फंड की भी जानकारी ली.
परीक्षा शाखा पर विशेष ध्यान
कुलपति ने कहा कि परीक्षा शाखा सबसे महत्वपूर्ण है, अतएव इस पर विशेष ध्यान जरूरी है. वीसी ने कहा कि समय से परीक्षा का आयोजन, डिग्री बनाने के काम में तेजी व लंबित मामलों के निबटारे पर भी जोर दिया. उन्होंने इस दौरान एक एसएमएस दिखाते हुए बताया कि कविता दास ने 1998 में पास की है. पिछले छह माह से वह डिग्री के लिए आवेदन कर डिग्री मिलने का इंतजार कर रही है. वीसी ने इसे जरूरी मामला बताते हुए डिग्री निर्गत करने का आदेश दिया.
वीसी ने डिग्री के सत्यापन कार्य को भी यथाशीघ्र निष्पादित करने का आदेश दिया. प्रेजेंटेशन देते हुए अतिरिक्त परीक्षा नियंत्रक डॉ राधेकांत प्रसाद ने पार्ट-वन व पार्ट टू की परीक्षा मई-जून माह में आयोजित करने की तैयारी से अवगत कराया. उन्होंने बताया कि पार्ट वन की परीक्षा में एक लाख 60 हजार व पार्ट टू की परीक्षा में एक लाख 30 हजार परीक्षार्थी शामिल होंगे.
उन्होंने पार्ट-वन के लिए 15 लाख व पार्ट-टू के लिए 12 लाख कॉपियों की जरूरत बतायी. वीसी ने इस पर प्रेस प्रभारी जयराम प्रसाद को तलब कर कॉपियों की छपाई तेज करने का टास्क दिया. वीसी को मई, जून व जुलाई माह में आयोजित होनेवाली परीक्षाओं के बारे में भी बताया गया. वीसी ने परीक्षा विभाग की गोपनीय शाखा पर जानना चाहा कि कभी कोई मामला लीक हुआ है या नहीं? इस पर परीक्षा नियंत्रक डॉ एसके सिंह ने बताया कि अब तक नहीं. वीसी ने उन्हें धन्यवाद दिया.
जवाब से असंतुष्ट दिखे वीसी
प्रेजेंटेशन के दौरान अभियंता प्रदीप कुमार से जब वीसी ने पूछा कि विश्वविद्यालय परिसर में बिजली की खपत कितनी है, तब उनके पास कोई संतोषजनक जवाब नहीं था. प्रो वीसी डॉ नंदजी कुमार ने तब विश्वविद्यालय परिसर में लगे जेनेरेटर के बारे में पूछा और उसकी क्षमता के बारे में बताने को कहा. दूरस्थ शिक्षा के निदेशक डॉ इजराइल खां ने यहां जारी पाठ्यक्रमों के बारे में बताया.
तीन घंटे तक चले प्रेजेंटेशन के बाद धन्यवाद देते हुए पीआरओ डॉ इसलाम ने वीसी की इस पहल को जरूरी व विश्वविद्यालय के बेहतरी के लिए सराहनीय कदम बताया. उन्होंने कहा कि इससे समस्याओं के समाधान में तेजी आयेगी और शिक्षा के साथ-साथ अनुशासन व इंफ्रास्ट्रर के क्षेत्र में विकास होगा. वीसी ने विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाले खेलकूद की भी जानकारी ली.