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अपनों के फंसने का डर, जांच से बचना चाह रहा अस्पताल प्रशासन!

गया : मगध मेडिकल में महिला की लाश को साढ़े चार घंटे तक वेंटिलेटर पर रखने के मामले में अस्पताल प्रशासन जांच से बचती दिख रही है. अस्पताल प्रशासन के रवैये से साफ लग रहा है कि किसी बड़े कर्मचारी या फिर डॉक्टर की मिलीभगत इस मामले में है. इस कारण अब तक अधीक्षक ने […]

गया : मगध मेडिकल में महिला की लाश को साढ़े चार घंटे तक वेंटिलेटर पर रखने के मामले में अस्पताल प्रशासन जांच से बचती दिख रही है. अस्पताल प्रशासन के रवैये से साफ लग रहा है कि किसी बड़े कर्मचारी या फिर डॉक्टर की मिलीभगत इस मामले में है.

इस कारण अब तक अधीक्षक ने सीसीटीवी फुटेज तक नहीं देखे. फुटेज से यह साफ हो जाता कि किसकी सह पर महिला की लाश को मगध मेडिकल के आइसीयू में ले जाकर वेंटिलेटर पर रखा गया साथ ही इस दौरान महिला के लिए ऑक्सीजन भी चालू रखा गया.
इस मामले में अस्पताल अधीक्षक कुछ साफ नहीं बोल रहे लेकिन, अपनी ओर से जांच की बात जरूर कह रहे हैं. अस्पताल सूत्रों का कहना है कि पहले भी कई मामलों में अधीक्षक ने जांच कमेटी बनायी. लेकिन, एक भी मामले में रिपोर्ट नहीं आयी है.
इतना ही नहीं कमेटी में शामिल सदस्य जांच से अधिक दोषियों के बचाव पर ध्यान देते हैं. सूत्र कहते हैं कि अस्पताल में आइसीयू को सबसे शेफ माना जाता है. यहां अंदर मरीज को देखने के लिए भी पास बनवाना पड़ता है. गार्ड या फिर नीचे के अस्पताल कर्मचारियों की इतनी हिम्मत नहीं है कि वह लाश को आइसीयू से वेंटिलेटर पर पहुंचा दें.
इसमें जरूर कुछ डॉक्टर या फिर ऊपर के लोग शामिल हैं. गौरतलब है कि बिना मरीज को अस्पताल में भर्ती कराये ही उसकी लाश को बाहर के अस्पताल से लाकर वेंटिलेटर पर करीब साढ़े चार घंटे तक रखा गया था. अधीक्षक डॉ विजय कृष्ण प्रसाद व अन्य के संज्ञान में आने पर महिला की लाश को आनन-फानन में बाहर निकाला गया था.

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