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मृत महिला को वेंटिलेटर पर घंटों रखा, चढ़ाया ऑक्सीजन

गया : शहर के एक प्राइवेट अस्पताल में गर्भवती महिला की शुक्रवार की अहले सुबह इलाज के दौरान मौत हो गयी. परिजन हंगामा नहीं करें, इससे बचने के लिए महिला के शव को शुक्रवार की सुबह साढ़े छह बजे मगध मेडिकल अस्पताल लाया गया. वहां इस तरह से जाल बिछाया गया कि बिना कागजी कार्रवाई […]

गया : शहर के एक प्राइवेट अस्पताल में गर्भवती महिला की शुक्रवार की अहले सुबह इलाज के दौरान मौत हो गयी. परिजन हंगामा नहीं करें, इससे बचने के लिए महिला के शव को शुक्रवार की सुबह साढ़े छह बजे मगध मेडिकल अस्पताल लाया गया. वहां इस तरह से जाल बिछाया गया कि बिना कागजी कार्रवाई के ही शव को आइसीयू में रख दिया गया.

जानकारी के अनुसार, गेट पर पहुंचते ही गार्ड को ऑक्सीजन चालू करने को कहा गया. गार्ड ऑक्सीजन चालू करने दौड़ कर गया व इसके बाद आइसीयू में लाश को वेंटिलेटर पर रख दिया गया. परिजनों के सामने मृत महिला को ऐसे प्रस्तुत किया गया कि मानो वह जिंदा है.
लगातार चार घंटे तक चले इस खेल की जानकारी अस्पताल अधीक्षक डॉ विजय कृष्ण प्रसाद को मिली. उसके बाद आइसीयू में तैनात कर्मचारियों से पूछताछ की गयी, तो उन्हें किसी भी स्तर से कोई जवाब नहीं मिला. इधर आइसीयू गेट पर तैनात गार्ड राम किशोर ने बताया कि महिला को लेकर डॉक्टर के तरह ही व्यक्ति पहुंचे.
उनसे पूछा गया कि मरीज कहां का है, तो उनका जवाब था कि साहेब से बात हो गयी है. मरीज को वेंटिलेटर पर डालना है. उनके साथ कई लोग थे और उसे कहा गया कि ऑक्सीजन चालू करो. उसके बाद वह ऑक्सीजन चालू करने चला गया. अस्पताल सूत्रों का कहना है कि यह बड़ा खेल यहां के कुछ लोगों की मिलीभगत से हुआ है.
अधीक्षक ने साढ़े 11 बजे दोपहर में आनन-फानन में अन्य डॉक्टरों के सहयोग से महिला की लाश को अस्पताल से बाहर लाकर परिजन को सौंपा दिया. कुछ देर के लिए अस्पताल में अफरा-तफरी की स्थिति कायम हो गयी.
मरीज के परिजनों से आइसीयू में जाने के लिए लिया जाता है पास
इस वक्त मगध मेडिकल के आइसीयू वार्ड में एइएस संदिग्ध मरीजों को भर्ती रखा गया है. मरीज के परिजन अगर मिलना चाहते हैं, तो उनके लिए उन्हें पास बनाना पड़ता है. मुलाकात भी निश्चित समय के लिए ही करायी जाती है. पिछले दिनों प्रेस प्रतिनिधि के प्रवेश व जानकारी देने पर अस्पताल प्रशासन द्वारा रोक लगायी गयी थी.
ऐसे में सवाल उठता है कि मगध मेडिकल अस्पताल की कैसी सुरक्षा व्यवस्था जहां पर सेंध मार कर प्राइवेट अस्पताल से लाश को लाकर वेंटिलेटर पर रख दिया जाता और उसका रिकार्ड बुक इंट्री तक नहीं होता है.
ऐसे अस्पताल के सुरक्षा व्यवस्था के लिए कई जगहों पर गार्डों को तैनात किया गया है. आइसीयू के मेन गेट पर गार्ड, वहां से जाने के बाद कंपाउंडर, नर्स व डॉक्टर तैनात रहते हैं. इसके बाद भी हर किसी को धोखा देकर कैसे लाश को अंदर लाया गया. यह एक बड़ा सवाल है.
मामला गंभीर, जांच कर होगी कार्रवाई
मगध मेडिकल अस्पताल के अधीक्षक डॉ विजय कृष्ण प्रसाद ने कहा कि बाहर से किसी महिला के लाश को लाकर आइसीयू के वेंटिलेटर पर कई घंटों रखा जाना गंभीर मामला है.
किसने उसकी इंट्री बिना रजिस्ट्रेशन कराया. किसके सह पर आइसीयू के वेंटिलेटर पर रखा गया, इनमें कौन-कौन दोषी हैं. इसकी पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाला जा रहा है. उन्होंने कहा कि जांच के बाद जल्द ही दोषियों का चेहरा सामने आ जायेगा. कार्रवाई तय है.

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