गया: जिलाधिकारी संजय कुमार अग्रवाल ने बुधवार को गया संग्रहालय सह मगध सांस्कृतिक केंद्र का निरीक्षण किया. डीएम वहां पहुंचते ही म्यूजियम की दुर्दशा देख भड़क गये. उनकी शिकायत उसकी बदहाली को लेकर थी.
उन्होंने संग्रहालय परिसर का मुआयना किया. लेकिन, जब ऑडिटोरियम में पहुंचे, तो उनका गुस्सा सातवें आसमान पर था. ऑडिटोरियम के अंदर स्थित समरसेबल बोरिंग का गड्ढा देख उस पर आपत्ति जतायी. साथ रहे संग्रहालय के क्यूरेटर विनय कुमार ने बताया कि जब इसे बनाया जा रहा था, तो ठेकेदार ने पानी के लिए इसे बनाया था. काम होने के बाद इसे ठीक नहीं किया गया. डीएम ने काम करनेवाले विभाग व ठेकेदार के बारे में पता लगाने का निर्देश दिया. कहा कि उस समय की फाइल निकलवायें और ठेकेदार का नाम बतायें, उसे ब्लैक लिस्टेड कर दिया जायेगा.
साथ ही, बोरिंग को बाहर शिफ्ट करने का आदेश दिया गया. जिलाधिकारी ने आश्चर्य जताया कि 2006 में उद्घाटन के बाद ऑडिटोरियम का इस्तेमाल नहीं हुआ. उन्होंने इसे बेहतर बनाने का निर्देश दिया. साथ ही, उसमें कार्यक्रम आयोजित करने पर भी बल दिया. डीएम क्यूरेटर के उस जवाब पर नाराज हो गये, जब उन्होंने कहा कि बोधगया का म्यूजियम गया से बेहतर है.
उन्होंने कहा कि गया में जगह की कमी नहीं है, फिर यहां की स्थिति ऐसी क्यों है? उन्होंने संग्रहालय में सीनियर सिटीजन के लिए रीडिंग क्लब बनाने की बात कही. साथ ही, पुस्तकालय को समृद्ध करने पर भी बल दिया. श्री अग्रवाल ने कहा कि समय-समय पर संग्रहालय में स्कूली बच्चों में विभिन्न प्रतियोगिताएं करायी जायें, ताकि उनके अंदर संग्रहालय को लेकर जिज्ञासा पैदा हो सके. उन्होंने खाली परिसर में चिल्ड्रेन पार्क बनवाने की भी बात कही. क्यूरेटर से इसका प्रस्ताव बनाने को कहा. उन्होंने क्यूरेटर से संग्रहालय की रंगाई-पुताई, मरम्मत, बाहरी व भीतरी बोर्ड बदलने को कहा.