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JEE Main 2021 : नौ बजे से शुरू हुई परीक्षा, 20 मिनट बाद ही वायरल हो गया प्रश्नपत्र, एनटीए ने शुरू की जांच

नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा ली जा रही जेइइ मेन (मार्च 2021) की परीक्षा का गुरुवार अंतिम दिन था. परीक्षा के अंतिम दिन भी प्रश्नपत्र बाहर आ गया. नौ बजे से शुरू हुई परीक्षा के प्रश्नपत्र 20-25 मिनट बाद करीब 9:20-25 बजे ही वायरल होने लगा.

अनुराग प्रधान, पटना. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा ली जा रही जेइइ मेन (मार्च 2021) की परीक्षा का गुरुवार अंतिम दिन था. परीक्षा के अंतिम दिन भी प्रश्नपत्र बाहर आ गया. नौ बजे से शुरू हुई परीक्षा के प्रश्नपत्र 20-25 मिनट बाद करीब 9:20-25 बजे ही वायरल होने लगा. प्रश्नपत्र मोबाइल से खींचा हुआ था. परीक्षा समाप्त होने के बाद जब स्टूडेंट्स को वायरल प्रश्नपत्र दिखाया गया, तो उन्होंने कहा कि हू-ब-हू यही प्रश्न परीक्षा में पूछे गये थे.

इस बीच एनटीए ने प्रभात खबर की खबर को सही ठहराते हुए कहा कि जांच शुरू कर दी गयी है. जांच की जिम्मेदारी आइटी सेल को सौंप दी गयी है. जो भी दोषी होंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. छात्रों का दावा है कि 16 मार्च से शुरू हुई इस ऑनलाइन परीक्षा के कई प्रश्नपत्र उसी दिन से वायरल हैं, जो परीक्षा में पूछे गये प्रश्नों के हू-ब-हू हैं.

परीक्षा शुरू होने के थोड़ी देर बाद ही वाट्सएप ग्रुप में वायरल होने लगे प्रश्नपत्र : सूत्रों ने बताया कि प्रश्नपत्र परीक्षा शुरू होने के करीब 20 मिनट बाद ही देश के अलग-अलग कोनों में पहुंच गये. कई वाट्सएप ग्रुपों में प्रश्नपत्र वायरल होने पर परीक्षार्थी के अभिभावक काफी परेशान हो गये. सूत्रों के अनुसार बेंगलुरु और कोटा क्षेत्र के विद्यार्थियों के पास पेपर सबसे पहले आये. जब वाट्सएप पर प्रश्नपत्र कई लोगों के पास पहुंचे, तो इनमें से कुछ ने इसकी सूचना प्रभात खबर को दी.

गुरुवार को 12 बजे जब पहली पाली की परीक्षा समाप्त हुई और वायरल पेपर का मिलान किया गया तो पेपर हू-ब-हू मिले. अभिभावकों ने कहा कि जब प्रश्नपत्र बाहर हो सकता है तो आंसर अंदर भी जा सकता है. जेइइ मेन (मार्च 2021) मंगलवार से शुरू हुआ था, जो गुरुवार को समाप्त हो गया. पूरे देश के 792 सेंटरों पर 6,19,638 छात्रों ने परीक्षा दी. इनमें से कुछ स्टूडेंट्स अनुपस्थिति भी हुए हैं.

परीक्षा केंद्रों पर सख्ती होने के बावजूद तीनों दिन बाहर आये प्रश्नपत्र

गुरुवार को प्रभात खबर में जब यह खबर छपी, तो यह मामला बिहार विधान परिषद में भी उठा. परीक्षार्थियों का कहना है कि गुरुवार को भी दोनों पालियों के प्रश्नपत्र बाहर आ गये थे और दिन भर मोबाइल पर वायरल होते रहे. यह स्थिति तब है, जब जेइइ मेन के परीक्षार्थियों को प्रश्नपत्र परीक्षा केंद्र से बाहर ले जाने की अनुमति नहीं है. इसके अलावा परीक्षा केंद्र पर मोबाइल तो दूर, कलम तक ले जाने की मनाही है.

पूरी परीक्षा के दौरान परीक्षार्थियों की निगरानी सीसीटीवी कैमरे से की जाती है. 16, 17 व 18 मार्च को हुई परीक्षा के प्रश्नपत्र सेंटर से बाहर आ जाने पर परीक्षार्थी काफी नाराज व परेशान हैं. मालूम हो कि एनटीए परीक्षा समाप्त होने के दो-तीन दिनों के बाद खुद आंसर की जारी करती है. एनटीए परीक्षा के तुरंत बाद प्रश्नपत्र किसी को न देती है और न जारी करती है.

विधान परिषद में भी उठा प्रश्नपत्र का मामला, जवाब की मांग

विधान परिषद में गुरुवार को कांग्रेस के सदस्य प्रेमचंद्र मिश्रा ने शून्यकाल में प्रभात खबर में प्रकाशित -‘छात्रों का दावा- बाहर आया जेइइ मेन का प्रश्नपत्र’ का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा ली गयी जेइइ मेन परीक्षा का प्रश्नपत्र सेंटर के बाहर आ गया. इस परीक्षा का सेंटर पटना सहित अन्य शहरों में था, जहां यह प्रश्नपत्र हू-ब-हू वायरल हो गया है. यह गंभीर बात है कि दोनों पालियों के प्रश्नपत्र सेंटर के बाहर वायरल हो गये, जबकि इस परीक्षा में मोबाइल सहित कोई भी चीज को ले जाना मना है. ऐसे में हम सरकार से स्पष्ट जवाब की मांग करते हैं.

एग्जाम सेंटर होंगे ब्लैक लिस्ट, दोषी स्टूडेंट्स नहीं ले पायेंगे कहीं भी एडमिशन

जेइइ मेन (मार्च 2021) परीक्षा के प्रश्नपत्र बाहर आने पर एनटीए काफी सख्त है. एनटीए के डायरेक्टर विनीत जोशी ने प्रश्नपत्र बाहर आने की खबर को प्रकाश में लाने के लिए प्रभात खबर की सराहना की. उन्होंने कहा कि प्रभात खबर ने इस खबर को ब्रेक किया है. एनटीए को इसकी सूचना दी है. बाहर आये प्रश्नपत्र सही हैं. इसकी जांच की जिम्मेदारी आइटी सेल को दे दी गयी है. आइटी सेल इस पर काम कर रहा है.

अभी सभी सेंटरों के सीसीटीवी कैमरों को देखा जा रहा है. इसमें जो भी परीक्षा सेंटर दोषी पाये जायेंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. उन्हें ब्लैक लिस्ट कर दिया जायेगा. इसके साथ अगर कोई परीक्षार्थी भी दोषी पाया जायेगा, तो उस पर भी कड़ी कार्रवाई की जायेगी. दोषी छात्रों का किसी भी संस्थान में एडमिशन नहीं हो पायेगा. खासकर दोषी छात्र का एडमिशन देश के किसी भी इंजीनियरिंग कॉलेज में नहीं होगा. जांच के बाद दोषी पाये जाने वाले संबंधित सभी लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के बाद कार्रवाई की जायेगी.

Posted by Ashish Jha

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