\\\\टं३३ी१त्र/ू/रधनतेरस पर शहर में हुआ 50 करोड़ से अधिक का कारोबार \\\\टं३३ी१त्र/रदरभंगा टावर, बाकरगंज सहित कई मुहल्लों में देर रात तक रही गहमा-गहमीफोटो संख्या- 14 व 15परिचय- बाजार में सजा मोती-माला, कपड़ा व गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियां फोटो संख्या- 16 व 17परिचय- बेचने को रखे दीयेफोटो संख्या- 19परिचय- मूर्ति की खरीददारी करते लोग फोटो संख्या- 20परिचय- बर्त्तन की दुकान पर लगी लोगों की भीड़ दरभंगा : धन-वैभव की देवी धनवंतरी की पूजा को लेकर सोमवार को दुकानों में लोगों ने जमकर खरीदारी की. सुबह से ही दुकानदार अपने-अपने प्रतिष्ठानों की सफाई कर ग्राहकों के इंतजार में जुटे थे. दोपहर एक बजे के बाद ग्राहकों की भीड़ बढ़ती गयी. दरभंगा टावर, सुभाष चौक, भगत सिंह चौक, बड़ा बाजार, गुल्लोबाड़ा, हसनचक, बाकरगंज, कॉमर्शियल चौक, चट्टी चौक, कटहलबाड़ी भंडार चौक, कादिराबाद चौक सहित कई जगहों पर खरीदारों की भीड़ से सड़कों पर जाम का नजारा घंटों रहा. विगत कई वर्षों से धनतेरस के मौके पर खरीदारी का ट्रेंड बदल गया है. पूर्व में लोग धनतेरस के मौके पर सोने-चांदी का सिक्का, बर्त्तन, गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति तथा दीपावली के दिन पूजन कार्य में उपयोग होने वाले सामान की खरीदारी करते थे. वर्तमान में धनतेरस की वह अवधारणा बदल गयी है. अपने दैनिक जीवन में व्यवहृत होने वाले सामानों के साथ-साथ विलासितापूर्ण सामान की ही अब धनतेरस पर अधिक खरीदारी होने लगी है. सोमवार को दरभंगा टावर के निकट सर्वाधिक भीड़ देर रात तक कृष्णा इलेक्ट्रॉनिक दुकान में रही. विगत कई वर्षों से धनतेरस पर उनका अच्छा कारोबार हो रहा है. टावर के ईद-गिर्द करीब एक दर्जन से अधिक इलेक्ट्रॉनिक्स दुकानें हैं, लेकिन इसकी अपेक्षा और दुकानों पर कम भीड़ देखी गयी. दरभंगा टावर, बड़ा बाजार, हसनचक में दो दर्जन से अधिक बर्त्तनों की दुकानें हैं. लेकिन वहां खरीदार नहीं के बराबर थे. दूसरी ओर बजाज, हीरो, होंडा, टीवीएस आदि बाइकों के शो रूम में सुबह से ही लाइन लगी हुई थी. मारूति, हुंडई एवं महिंद्रा के शो रूम से भी लोग वाहन अपने घर ले जाते दिखे. अनुमान लगाया जा रहा है कि पूरे जिले में धनतेरस पर 50 करोड़ से अधिक का कारोबार हुआ. धनतेरस के दिन लोग गणेश-लक्ष्मी की प्रतिमा खरीदते हैं. जिसकी पूजा दीपावली को की जाती है. दरभंगा टावर के आसपास दर्जनों मूर्तियों की दुकानें सजी हुई है. मिट्टी से लेकर चीनी मिट्टी तक की गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियां हैं. इनमें सर्वाधिक मांग मोती महल मूर्ति की है. इसकी कीमत 250 रुपये है. इसके अलावा कम से कम 50 तथा अधिकतम 300 रुपये की मूर्तियों से बाजार पटा है. कई दुकानदारों ने बताया कि दोपहर से बाजार में जितनी भीड़ है, उसकी अपेक्षा बिक्री नगण्य है.
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