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कस्तिों में ट्रांसफर हुई बैंक से दूसरे खाते में गबन की राशि

दरभंगा : जिला कल्याण विभाग से छात्रवृत्ति मद की राशि में 2 करोड़ 5 लाख 62 हजार का गबन बड़ी चालाकी से किया गया. मुख्या आरोपित पूर्व के नाजिर ने चहेते विनय कुमार और सरोज कुमार मिश्र के नाम अलग अलग तिथियों में चेक देकर उनके खाते में राशि का आरटीजीएस करवाया. यह तो महज […]

दरभंगा : जिला कल्याण विभाग से छात्रवृत्ति मद की राशि में 2 करोड़ 5 लाख 62 हजार का गबन बड़ी चालाकी से किया गया. मुख्या आरोपित पूर्व के नाजिर ने चहेते विनय कुमार और सरोज कुमार मिश्र के नाम अलग अलग तिथियों में चेक देकर उनके खाते में राशि का आरटीजीएस करवाया.

यह तो महज संयोग था कि अंतिम बार 9 अक्टूबर को जब राशि अंतरण के लिए इंडियन ओवरसीज बैंक की दरभंगा शाखा को चेक नंबर 350602 से 19 लाख 56 हजार की राशि दूसरे के खाते में ट्रांसफर करने के लिए प्रस्तुत किया तो बैंक अधिकारियों को शक हुआ. उन्होंने ताकीद के लिए जिला कल्याण पदाधिकारी को फोन पर सूचना देते हुए उनसे कंफर्म होना चाहा. लेकिन सूचना पाकर जिला कल्याण पदाधिकारी ने ऐसा कोई चेक जारी करने से साफ इंकार करते हुए तुरंत इसे रोकने को कहा.

साथ ही साथ अन्य लेनदेन पर भी तत्काल प्रभाव से रोक लगा देने का निर्देश बैंक अधिकारियों को दिया. सूचना पर जब वे बैंक पहुंचे तो उनके होश फाख्ता हो गये. उन्हें बताया गया कि इसके पूर्व भी विभिन्न तिथियों में सरोज कुमार मिश्र व विनय कुमार के नाम 1 करोड़ 28 लाख 35 हजार तथा 76 लाख 70 हजार रुपये का आरटीजीएस हो चुका है.

इस प्रकार कुल 2 करोड़ 5 लाख 62 हजार रुपये का गोलमाल चेक के माध्यम से हो चुका है. मामले को गंभीर मानते हुए उन्होंने तत्काल सूचना डीएम व डीडीसी को देते हुए आवश्यक कार्रवाई का अनुरोध किया. डीएम ने मामले में तत्काल प्राथमिकी का आदेश 16 अक्टूबर को आदेश देते हुए नजारत को सील करा दिया. मामले को लेकर लहेरियासराय थाने में आरोपित पूर्व नाजिर सागर कुमार राय, सरोज कुमार मिश्र और विनय कुमार के विरुद्ध प्राथमिकी जिला कल्याण पदाधिकारी ने दर्ज करा दिया है. देखना है कि कबतक इस पर कार्रवाई आगे बढती है.यह लगा आरोप.

प्राथमिकी में जिला कल्याण पदाधिकारी ने कहा कि जालसाजी व धोखाधड़ी कर पूर्व नाजिर ने बैंक से प्राप्त चेकबुक पर हस्ताक्षर कर और इसे जारी भी कर दिया, लेकिन चेक जारी की इंट्री कैशबुक या निर्गत पंजी में नहीं की. इससे स्पष्ट होता है कि उन्होंने जानबुझकर गबन किया है. क्या है मामलाजिला कल्याण विभाग के तत्कालीन नाजिर सागर कुमार राय का अगस्त माह में तबादला हाजीपुर कर दिया गया. उसने बिना प्रभार दिये ही यहां से विरमण कराकर हाजीपुर में योगदान कर लिया. कई बार पत्र लिखकर प्रभार देने का पत्र उन्हें दिया गया. बावजूद उन्होंने प्रभार नहीं दिया. इस बीच श्री राय ने अपना तबादला दरभंगा प्रमंडलीय कार्यायल में करा लिया.

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