बक्सर कोर्ट. यह जरूरी नहीं है कि एक्स हैंडल पर समस्या को दर्ज कराने से उसका निदान होगा, बल्कि उल्टे आपकी समस्या बढ़ सकती है. बुधवार को ऐसा ही एक वाकया सामने आया, जब रेलवे की सेवाओं में हुई कमी को लेकर यात्री द्वारा एक्स हैंडल पर अपनी समस्या को रखा गया, तो रेल पुलिस ने उल्टे यात्री को ही प्रताड़ित करना शुरू कर दिया. मामला व्यवहार न्यायालय में पदस्थापित सहायक कौशलेंद्र कुमार का है. बुधवार को उन्होंने काशी पटना जनशताब्दी एक्सप्रेस के एसी चेयर कार में अपना और अपनी बच्ची का सीट आरक्षित कराया, जिसे परीक्षा दिलाने के लिए वे पटना ले जा रहे थे. सुबह ट्रेन दिलदार नगर जंक्शन से समय से खुली, लेकिन बक्सर आते-आते आधे घंटे से ज्यादा विलंब हो गयी. श्री ओझा ने गाड़ी के विलंब होने को लेकर रेलवे में शिकायत दर्ज कराया कि दानापुर डिवीजन में आते ही गाड़ियां क्यों विलंब होने लगती है तथा आगे गाड़ी का ठहराव डुमरांव, आरा एवं बिहटा में है. ऐसे में स्थिति और खराब हो जायेगी. जब वे बक्सर स्टेशन पर जनशताब्दी में सवार हुए, तो उनकी सीट पर अवैध ढंग से यात्री बैठे हुए थे, जिन्हें टीटी के सहयोग से किसी तरह हटाकर बैठे, तब तक आरपीएफ का एक कांस्टेबल उनके पास आया और बोला कि शिकायत क्यों दर्ज कराते हो, अपनी उम्र का तो लिहाज करो. उसकी बातों को सुन वे न सिर्फ हक्का-बक्का रह गये, बल्कि उन्हें काफी आत्मग्लानि हुई. ट्रेन खुलने के साथ उन्होंने कांस्टेबल के व्यवहार को लेकर फिर अपनी शिकायत दर्ज करायी, तो उसका लगातार फोन आने लगा. जब ट्रेन आरा स्टेशन पहुंची, तब तीन-चार पुलिस वाले उनकी सीट पर पहुंचे और पूछताछ कर वापस लौट गये. जनशताब्दी के एसी चेयर कार पटना तक अवैध यात्रियों से भरा रहा और जायज यात्री बाथरूम तक जाने में भी असमर्थ रहे. इस संबंध में आरपीएफ थानाध्यक्ष कुंदन कुमार को फोन किया गया, तो उन्होंने बताया कि यात्री की शिकायत पर फौरन उन्हें अटेंड किया गया था, जहां वे अपनी सीट पर सही ढंग से बैठे थे.
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