Advertisement
खर्च लाखों में, फिर भी जर्जर हैं पोल व तार
बक्सर : साउथ बिहार पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी के जिम्में बक्सर शहर समेत जिले में बिजली मेनटेनेंस कार्य है. बिजली कंपनी मेंटेनेंस के नाम पर आये दिन कई घंटे का शटडाउन लेती है, लेकिन शहर के बिजली पोल, ट्रांसफॉर्मरव तार की हालत बयां कर रही कि विभागीय अधिकारी और कर्मचारी इस काम को गंभीरता से नहीं […]
बक्सर : साउथ बिहार पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी के जिम्में बक्सर शहर समेत जिले में बिजली मेनटेनेंस कार्य है. बिजली कंपनी मेंटेनेंस के नाम पर आये दिन कई घंटे का शटडाउन लेती है, लेकिन शहर के बिजली पोल, ट्रांसफॉर्मरव तार की हालत बयां कर रही कि विभागीय अधिकारी और कर्मचारी इस काम को गंभीरता से नहीं लेते हैं.
शनिवार को प्रभात खबर ने इस संदर्भ में शहर के कई इलाकों का भ्रमण किया. पाया कि अनेक पोलों पर अमरबेल (झाड़ियां) चढ़ी हुई हैं. इस वजह से रोजाना फॉल्ट होते हैं. उधर, कंपनी के जिम्मेवार अधिकारी बहानेबाजी करते हैं. जरूरत के मुताबिक बिजली उपलब्ध रहने के बावजूद शहर के दर्जनों मोहल्लों में एक साथ दिन भर लाइट नहीं रहती. बिजली कंपनी इसके लिए लोकल फॉल्ट को जिम्मेदार ठहराती है.
फॉल्ट को ठीक करने के लिए आए दिन मेंटेनेंस वर्क चलाती है. इसके लिए आधे शहर की बिजली भी काट दी जाती है. ढाई साल से चल रहे मेंटेनेंस के बाद भी शहर में बिजली कटौती का कारण क्या है? निरीक्षण के बाद बिजली कंपनी के दावों का सच पता चला.
शाॅर्ट-सर्किट की बड़ी वजह है अमरबेल : शहर के कई इलाकों में बिजली तार जर्जर हो चुके हैं. सैकड़ों पोलों पर अमरबेल लिपटा है. हल्की हवा चलने या बारिश के समय अमरबेल में करेंट प्रवाहित होता है. यही शॉर्ट सर्किट की वजह बनता है.
शॉर्ट सर्किट होने से ट्रांसफाॅर्मर के फ्यूज और जंपर उड़ जाते हैं. बारिश के दिनों में इस तरह की घटनाएं शहर में सैकड़ों जगह एक साथ होती हैं. नतीजा एक साथ कई मोहल्लों को बिजली कटौती झेलनी पड़ती है. इसके बाद कंपनी के कर्मचारी फॉल्ट तलाशते हैं.
इन स्थानों की सुधि ले कंपनी
पुलिस चौकी से किला मैदान होते हुए वीर कुंवर सिंह कॉनोली, डीएम कोठी, जेल रोड, वामन आश्रम के रास्ते सेंट्रल जेल के गेट तक आदि जगहों पर बिजली पोलों में घोंसले और अमरबेल छाया है.
दक्षिणी क्षेत्र के कोइरपुरवा, आंबेडकर चौक, समाहरणालय, चीनीमिल, रेलवे कॉलोनी समेत दर्जनों जगहों पर भी यही हाल है. इसके अलावा यमुना चौक, सिंडिकेट आदि व्यस्ततम जगहों पर तो पोल पर तार के झुरमुट बने हुए हैं, जो अक्सर फॉल्ट की वजह बनते हैं. यह तो आधे शहर की हालत है.
मेंटेनेंस टीम की क्षमता कम : बिजली कंपनी दावा करती है कि मेंटेनेंस टीम में सौ से अधिक कर्मचारी हैं, जो दिनभर जिले के पोल और तार की मरम्मत के लिए तैनात रहते हैं.
हर सेक्शन में शहरी में 11 व ग्रामीण इलाके में आठ मानव बल कार्यरत हैं. इन मानवबलों की निगरानी का जिम्मा विभाग के जूनियर इंजीनियरों को दिया गया है. बावजूद मानवबलों को शहर के पोल पर घने अमरबेल, चिड़ियों के घोंसले, तारों के झुरमुट और पेड़ की टहनियां नजर नहीं आती.
वर्ष 2014 के जनवरी माह से मानवबलों ने मेंटेनेंस का काम संभाला है. तब से लेकर अब तक शहर में कितनी बार मेंटेनेंस वर्क चला, यह बता पाना मुश्किल भरा काम है. बता दें कि मेंटेनेंस टीम में एक्सपर्ट बिजली मिस्त्रियों की कमी के कारण भी काम ठीक तरीके से नहीं होता है. नतीजतन रोजाना शहर में घंटों बिजली कटौती होती है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement