Bullet Train In Bihar: हाई स्पीड बुलेट ट्रेन परियोजना को लेकर वाराणसी-पटना-हावड़ा रेल कॉरिडोर के गया-कोडरमा सेक्शन में जमीन का सर्वे तेजी से जारी है. सोमवार को टनकुप्पा-पहाड़पुर स्टेशन के पास रेल लाइन से सटे गांवों में जमीन का सर्वे किया गया. इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद भूमि अधिग्रहण शुरू होगा. इस परियोजना के तहत मानपुर को मुख्य स्टेशन बनाया जाएगा, जिससे गया क्षेत्र में बुलेट ट्रेन का एक अहम पड़ाव होगा.
गया से होकर 75 किलोमीटर तक गुजरेगी बुलेट ट्रेन
इस हाई स्पीड रेल कॉरिडोर की कुल लंबाई 799 किलोमीटर होगी, जो उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल को जोड़ेगा. बिहार में यह बुलेट ट्रेन बक्सर, आरा, पटना, बिहारशरीफ, नवादा और गया से होकर गुजरेगी. गया जिले में इसके लिए 75 किलोमीटर भूमि चिह्नित की जा रही है.
स्थानीय लोगों की बढ़ी चिंता, घर छिनने का डर
बुलेट ट्रेन परियोजना से एक ओर जहां बिहार में बुनियादी ढांचे के विकास को गति मिलेगी. वहीं स्थानीय लोगों में चिंता भी बढ़ गई है. ग्रामीणों का कहना है कि 70 मीटर चौड़ी जमीन के अधिग्रहण से उनके घर-आंगन उजड़ सकते हैं. हालांकि, प्रशासन का दावा है कि प्रभावित परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाएगा, लेकिन नई जगह पर बसने की चुनौती उनके लिए बड़ी परेशानी बन सकती है.
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सर्वे के बाद मिट्टी जांच और अधिग्रहण की प्रक्रिया
जमीन अधिग्रहण से पहले सर्वे के बाद मिट्टी जांच की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी. विभागीय सूत्रों के अनुसार, इस साल के अंत तक अधिग्रहण प्रक्रिया को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. प्रशासन स्थानीय रैयतों से सहमति लेने में जुटा हुआ है ताकि परियोजना को बिना किसी रुकावट के आगे बढ़ाया जा सके.
इस बुलेट ट्रेन से बिहार के यातायात ढांचे में क्रांतिकारी बदलाव आएगी. लेकिन, इसके साथ ही कई परिवारों के लिए नए संकट भी खड़े कर सकती है. अब देखना होगा कि सरकार कैसे प्रभावित लोगों को राहत देकर इस हाई स्पीड प्रोजेक्ट को अमलीजामा पहनाती है.
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