शेखपुरा. नीति आयोग के आकांक्षी जिला कार्यक्रम के अंतर्गत जिले के 88 महादलित टोले में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों को विकसित कर मॉडल केंद्र बनाया जायेगा. इसको लेकर जिला प्रशासन की ओर से कवायद शुरू कर दी गयी है. मंगलवार को इन चयनित आंगनबाड़ी केंद्रों को विकसित करने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों की महिला सुपरवाइजर और आइसीडीएस कर्मियों को एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत उन्हें प्रशिक्षित किया गया. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ डीएम शेखर आनंद ने दीप प्रज्वलित कर किया. इस मौके पर डीएम ने संबोधित करते हुए कहा कि इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य आइसीडीएस के अंतर्गत सभी प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों, कर्मियों, महिला पर्यवेक्षिकाओं और आंगनबाड़ी सेविकाओं की कार्य क्षमता में वृद्धि करना है. डीएम ने कहा कि बच्चे देश का भविष्य हैं और उनकी किसी भी समस्या का एकमात्र हल अच्छी शिक्षा है. उन्होंने निर्देश दिया कि सबसे पहले एक थर्ड पार्टी एजेंसी के माध्यम से बेसलाइन सर्वे का कार्य बेहतर तरीके से पूर्ण किया जायेगा. इस पहल के तहत बच्चों को खेल-खेल में स्कूल पूर्व शिक्षा दी जाएगी और माताओं को कुपोषण के प्रति जागरूक किया जायेगा. इससे बच्चों को स्कूल पूर्व अच्छी शिक्षा मिल पायेगी. इसके साथ ही उनके रहन-सहन खान पान में सुधार आयेगा. सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर किया जायेगा लागू : इस कार्यक्रम की समय सीमा 16 से 18 सप्ताह निर्धारित की गई है. यदि यह प्रयोग सफल रहता है, तो आने वाले समय में जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर इसे लागू किया जायेगा. कार्यक्रम की निगरानी के लिए डीडीसी की अध्यक्षता में एक त्रिस्तरीय टीम का गठन किया गया है. इसमें जिला योजना पदाधिकारी और जिला प्रोग्राम पदाधिकारी शामिल होंगे, जो प्रत्येक सप्ताह कार्यों की समीक्षा करेंगे. डीडीसी ने कार्यक्रम के दौरान निर्देशित किया कि पंचायती राज विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर चयनित महादलित आंगनबाड़ी केंद्रों पर बेहतर आधारभूत संरचना सुनिश्चित की जाये. इस मौके पर एडीएम, एसडीओ, जिला विकास पदाधिकारी, जिला योजना पदाधिकारी और जिला प्रोग्राम पदाधिकारी समेत कई वरीय अधिकारी मौजूद रहे. सभी ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिये.
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