पटना. पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय (पीपीयू) व गांधी फेलोशिप के बीच एमओयू हुआ. छात्रों के सर्वांगीण विकास, गुणवत्तापूर्ण लर्निंग तथा कैरियर के नये अवसरों के विस्तार की दिशा में पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय ने यह एमओयू किया है. विश्वविद्यालय की नवगठित प्लेसमेंट टीम के प्रयासों से यह एमओयू हुआ. इस एमओयू के बाद पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं के लिए गांधी फेलोशिप में चयन की प्रक्रिया और अवसर पहले की तुलना में कहीं अधिक सुलभ हो जायेगी. यह फेलोशिप एक दो वर्षीय रेजिडेंशियल प्रोग्राम है, जिसमें चयनित फेलोज को 24 हजार 500 रुपये प्रति माह का मानदेय प्रदान किया जाता है. गांधी फेलोशिप के लिए हर वर्ष देशभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों से स्नातक कर चुके लाखों युवा आवेदन करते हैं. ऐसे में पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए यह एमओयू न केवल एक अवसर, बल्कि एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है. इस एमओयू के प्रभावी क्रियान्वयन के तहत, गांधी फेलोशिप की टीम नये वर्ष से पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय से संबद्ध विभिन्न महाविद्यालयों के परिसरों में प्लेसमेंट टॉक्स व ओरिएंटेशन सत्रों का आयोजन करेगी, जिससे छात्रों को चयन प्रक्रिया, कार्यक्षेत्र और भविष्य की संभावनाओं की स्पष्ट जानकारी मिल सकेगी. इस एमओयू के सफल क्रियान्वयन में विश्वविद्यालय के प्लेसमेंट को-ऑर्डिनेटर डॉ मोहम्मद अली एवं डॉ अयान मुखर्जी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. वहीं, संपूर्ण प्रक्रिया में मार्गदर्शक की भूमिका में विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू डॉ राजीव रंजन तथा कुलसचिव डॉ अबू बकर रिजवी का निरंतर सहयोग व नेतृत्व प्राप्त हुआ, जो कुलपति प्रो उपेंद्र प्रसाद सिंह की दूरदर्शी सोच को धरातल पर उतारने के लिए सतत प्रयासरत हैं.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

