बिहारशरीफ. मनरेगा के अंतर्गत अनुबंध पर बहाल कनीय अभियंताओं (जेई) को समान कार्य के लिए समान वेतन और न्यूनतम ₹60,000 वेतनमान की मांग को लेकर लंबे समय से संघर्ष जारी है. इस मामले में पटना हाईकोर्ट ने 18 मार्च 2024 को अभियंताओं के पक्ष में निर्णय दिया था, परंतु अभी तक इसका पालन नहीं हो सका है. शुक्रवार को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार और संबंधित अधिकारियों को दो सप्ताह का समय दिया है. न्यायालय ने स्पष्ट किया है कि यदि इस अवधि में आदेश का अनुपालन नहीं किया गया तो संबंधित विभागों के अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से अदालत में हाजिर होना पड़ेगा. मामले की अगली सुनवाई 8 अगस्त को निर्धारित की गई है. कनीय अभियंता एसोसिएशन के अध्यक्ष ईं. प्रमोद ब्रह्मचारी और सचिव ईं. मनोज कुमार ने बताया कि यह लड़ाई वर्ष 2018 से चल रही है. उन्होंने कहा कि 18 मार्च 2024 को हाईकोर्ट के फैसले के बाद भी सरकार द्वारा आदेश को लागू नहीं किया गया, जिसके बाद अवमानना वाद दायर किया गया. कोर्ट के आदेश से इंजीनियरों में खुशी कोर्ट के सख्त रुख के बाद कनीय अभियंताओं में न्याय मिलने की आशा प्रबल हुई है. ईं. रामअवध सिंह, राजेश कुमार मिश्रा, नित्यानंद, विकास कुमार, प्रवीण कुमार, आनंद कुमार, आशीष यादव, रेवती रमण समेत कई अभियंताओं ने इस फैसले पर खुशी जाहिर की है और इसे संघर्ष की जीत की दिशा में अहम कदम बताया है.
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