बिहारशरीफ. शहर में उखड़ी सड़कें और लाइटविहीन गलियां अब लोगों की रोजमर्रा की समस्याओं का हिस्सा बन गई हैं. स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत कई मोहल्लों और गलियों में सड़कें कई बार खोदी गईं, लेकिन अब तक इन्हें समतल और सुचारू रूप से तैयार नहीं किया जा सका है. शहर के नागरिक बताते हैं कि कभी सीवरेज लाइन डालने, कभी नाले बनाने, कभी पानी के पाइप बिछाने या गैस पाइप लाइन डालने के लिए गलियां और सड़कें तहस-नहस की गईं. इसके बाद लगाई गई लाइटों का अधिकांश हिस्सा खराब होना समस्या को और बढ़ा देता है. दुर्गा पूजा के दौरान मुख्य सड़कों और चौक-चौराहों की लाइटें ठीक की गईं, लेकिन मोहल्लों और छोटी गलियों में अंधेरा अब भी बरकरार है. ठंड के मौसम के साथ शाम ढलते ही लोगों की गतिविधियां कम हो जाती हैं, जिससे चोरी, डकैती और अपराधिक घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है. शहरवासी जैसे पंकज कुमार, व्यवसायी शिशुकांत कुमार और मनोज कुमार का कहना है कि प्रशासन आम लोगों की सुविधा और सुरक्षा के प्रति गंभीर नहीं दिख रहा, और इसी वजह से शहर में असंतोष बढ़ रहा है.
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