बिहारशरीफ.
बर्ड फ्लू के संभावित खतरे को देखते हुए जिला मुख्यालय में रैपिड रिस्पॉस टीम (आरआरटी) को आनन फानन में गठित कर दिया गया है. यह टीम जहां भी जिले में झूंड में बर्ड के मरने की सूचना मिलेगी, वहां अविलंब पहुंचेगी. जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ रमेश कुमार ने यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि हालांकि जिले में बर्ड फ्लू का कोई भी अबतक सस्पेक्टेड केस नहीं मिला है. लेकिन जिला पशुपालन विभाग इसके संभावित खतरे से निपटने और इस पर नियंत्रण पाने के लिए पूरी तरह से तैयार है. बर्ड फ्लू जिसे एवियन इन्फ्लूएंजा भी कहा जाता है, एक संक्रामक बीमारी है जो मुख्य रूप से पक्षियों में होती है, लेकिन यह मनुष्यों में भी फैल सकती है.टीम में शामिल यह सभी चिकित्सक : गठित रैपिड रिस्पांस टीम में सहायक कुक्कुट पदाधिकारी डॉ संजीव कुमार, भ्रमणशील पशु चिकित्सक डॉ ललन कुमार, डॉ प्रेम रंजन एवं डॉ अशोक अकेला को शामिल किया गया है. इनके सहयोग के लिए वेट पारा स्टाफ को रखा गया है. टीम जहां भी पहुंचेंगी वहां लोगों को वर्ड फ्लू के प्रारंभिक लक्षणों और इससे बचाव के लिए लोगों को जागरूक करेंगी.कोलकाता व भोपाल में सैंपल की जांच : जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ रमेश कुमार ने बताया कि बर्ड फ्लू की जांच के लिये एकत्रित सैंपल को पटना भेजा जाता है, जहां से इसे कोलकाता या फिर भोपाल भेजा जाता है. जांच रिपोर्ट केंद्र सरकार को प्राप्त होती है जहां से इसे डीएम को भेजा जाता है.
बर्ड फ्लू के कारणसंक्रमित पक्षियों के संपर्क में आनाबर्ड फ्लू का मुख्य कारण संक्रमित पक्षियों, खासकर उनके मल, लार या अन्य स्रावों के संपर्क में आना है
संक्रमित सतहों को छूनासंक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने वाली सतहों को छूने से भी संक्रमण हो सकता हैअसुरक्षित पोल्ट्री उत्पादों का सेवनअधपके या कच्चे पोल्ट्री उत्पादों का सेवन करने से भी बर्ड फ्लू का खतरा हो सकता है
बर्ड फ्लू के लक्षणबुखार : तेज बुखार, जो 100.4 डिग्री फ़ारेनहाइट (38 डिग्री सेल्सियस) से अधिक हो सकता है.खांसी : सूखी या गीली खांसी, जो लगातार हो सकती है.
गले में खराशगले में दर्द और खराशमांसपेशियों में दर्दसांस लेने में तकलीफ
थकान, सिरदर्द, दस्त, उल्टी और आंखों में लालिमाबर्ड फ्लू से बचाव के उपायस्वच्छता बनाए रखेंसंक्रमित क्षेत्रों से दूर रहेंसुरक्षित रूप से पोल्ट्री उत्पादों का सेवन करें
पोल्ट्री उत्पादों को अच्छी तरह से पकाकर खाएं.पशु-पक्षियों के निकट संपर्क से बचेंबीमार या मृत पक्षियों से दूर रहेंडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

