बिहारशरीफ. स्थानीय व्यवहार न्यायालय ने घर का मुख्य दरवाजा तोड़कर चोरी करने और चोरी के जेवरात बरामद होने के मामले में चार आरोपियों को दोषी ठहराया है. न्यायिक दंडाधिकारी रोहित कुमार वर्मा ने इस मामले को गंभीर मानते हुए आरोपियों को अधिकतम सजा दिलाने के लिए अभिलेख को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) कुलदीप के न्यायालय में भेज दिया है, जहां सजा का निर्धारण किया जाएगा. घटना 5 नवंबर, 2022 को सोहसराय थाना क्षेत्र के सहोखर मोहल्ला में शिव प्रकाश सिंह का आवास की है. आरोपियों ने मकान का मुख्य दरवाजा तोड़कर ताला खोला और तीन लाख रुपये मूल्य के जेवरात चुराए. शिव प्रकाश सिंह के किराएदार पंकज कुमार गुप्ता (जो उस समय परिवार के साथ वाराणसी गए हुए थे). इसमें न्यायालय ने मोहम्मद आमिर (चैनपुर निवासी), छोटू (चैनपुर निवासी), मोहम्मद शमशाद (लहेरी थाना क्षेत्र, गगनदीवान मोहल्ला), नवलेश कुमार (दुकानदार, अमावा निवासी) को चोरी के माल की खरीदारी करने के आरोप में दोषी पाया. पीड़ित पंकज कुमार ने घटना की सूचना मिलने पर प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसपर पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी की और नवलेश कुमार की दुकान से चोरी का सामान बरामद किया. सबूतों व गवाहों के आधार पर अभियोजन ने मामला कोर्ट में पेश किया. न्यायिक दंडाधिकारी रोहित कुमार वर्मा ने मामले को गंभीर मानते हुए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की प्रासंगिक धाराओं के तहत सभी आरोपियों को दोषी ठहराया. चूंकि यह डकैती व संपत्ति अपराध से जुड़ा मामला है, इसलिए सजा का निर्धारण सीजेम द्वारा किया जाएगा. संभावित सजा में कठोर कारावास (7 साल तक) और जुर्माना शामिल हो सकता है. मामला अब सीजेएम कोर्ट में सजा सुनाए जाने के लिए भेजा गया है. आरोपियों को जमानत का विकल्प मिल सकता है, लेकिन चूंकि अपराध गंभीर है, इसलिए जमानत रद्द भी हो सकती है. यह मामला संपत्ति अपराधों में बढ़ती हुई साहसिकता को दर्शाता है, जिसमें घर में घुसकर चोरी की गई. कोर्ट ने कड़ी कार्रवाई करते हुए आरोपियों को दोषी करार दिया है, ताकि समाज में संदेश जाए कि ऐसे अपराधों को सख्त सजा मिलेगी. आरोपी अपील करते हैं, तो मामला उच्च न्यायालय तक जा सकता है.
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