बिहारशरीफ.
जिले के चयनित 40 किसान डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा में पपीता व स्ट्राबेरी फलों की अत्याधुनिक खेती से रूबरू हो रहे हैं. इस दौरान किसान इन फलों की खेती की अत्याधुनिक तकनीकों को सीख रहे हैं. कृषि वैज्ञानिकों द्वारा इन किसानों को रकबा के अनुसार इन फलों की खेती से फायदे, इसकी बोआई, रोग होने पर उपचार व प्रबंधन की जानकारी दी गयी. आत्मा के परियोजना उप निदेशक सह जिला विपणन पदाधिकारी अविनाश कुमार ने बताया कि पूसा में रविवार को प्रशिक्षण के तीसरे दिन प्रक्षेत्र एवं गन्ना अनुसंधान केंद्र में जिले के चयनित 40 किसानों ने भ्रमण किया और गन्ना, तीसी, शकरकन्द, केला, पपीता और स्ट्रॉबेरी के साथ विभिन्न फसलों के बारे में नवीनतम जानकारी प्राप्त किया है. किसानों ने बड़ी उत्सुकता के साथ पारम्परिक फ़सलो के साथ जलवायु अनुकूल फसल का चयन के साथ साथ उच्च मूल्यवर्धित फसल की खेती की जानकारी हासिल की. इसके बाद इन किसानों ने इस प्रकार की खेती अपने खेत में करने एवं रोल मॉडल किसान बनने का संकल्प लिया. उन्होंने बताया कि कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण आत्मा नालंदा के द्वारा फसल विविधीकरण विषय पर राज्य के अंदर प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत 40 चयनित किसानों की टीम को पांच दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण के लिए डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा समस्तीपुर के लिए बीते 21 फरवरी को रवाना किया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है