हिलसा़ हिलसा अनुमंडल के एकंगरसराय हिलसा एवं करायपरसुराय प्रखंड के आधा दर्जन पंचायत से गुजरने वाली फल्गु की शाखा लोकयन नदी में बीते 19 जून एवं 16 जूलाई को बाढ़ का पानी आया जिसके कारण एकंगरसराय, हिलसा, करायपरसुराय व नगरनौसा प्रखंड प्रभावित हुआ है, लोकायन नदी में बाढ़ का पानी आने से एकंगरसराय प्रखंड के कोरथू, बेलदारीबिगहा, एवं केशोपुर, हिलसा प्रखंड के धुरी बिगहा व आंकोपुर, करायपरसुराय प्रखंड के कमरथू गांव, गुलरिया बिगहा के पास मुख्य रूप से तटबंध टूटा है, जिसका प्रभाव यह था कि कई गांव में बाढ़ का पानी जलमग्न हो गया था, इसके अलावा जगह जगह पर छोटे-छोटे तटबंध भी टूटे हैं, हसनपुर गांव के पास मछली तालाब के पास तीन स्थानों पर, कोणीयापर, मुर्गिया चक, बडकी घोषी, लक्ष्मी बिगहा,समेत कई स्थानों पर भी तटबंध टूटा था. वर्तमान समय में हिलसा प्रखंड के धूरी बिगहा एवं करायपरसुराय प्रखंड के गुलरीयां बिगहा गांव के पास तटबंध टूटा था जिसे प्रशासन के द्वारा मरम्मत का कार्य किया जा रहा है. हिलसा प्रखंड के लोकायन नदी के पश्चिमी इलाका में बाढ़ के पानी के कारण कोरावां पंचायत, चिकसौरा पंचायत एवं मिर्जापुर पंचायत काफी प्रभावित हुआ था, करायपरसुराय प्रखंड में अधिकांश प्रखंड बाढ़ के चपेट में था, हालांकि अभी सान्ध पंचायत,करायपरसुराय पंचायत एवं डियावां पंचायत में बाढ का पानी खेतों में अभी मौजूद है, नगरनौसा प्रखंड के कई गांव के खेतों में बाढ़ का पानी अभी मौजूद है. हिलसा में 80% तो करायपरसुराय मे 64 % धान की हुई रोपाई :लगातार बाढ़ के प्रकोप का सामना कर चुके हैं हिलसा पश्चिमी इलाका व करायपरसुराय प्रखंड के किसानों ने एक बार फिर से फसल बोने की प्रक्रिया आरंभ कर दी है, बाढ़ के कहर के बाद अब खेतों में धान की रोपनी का कार्य किया जा रहा है, किसान रंजीत,अमूल,रामेश्वर,शिवपूजन,संजय इत्यादि ने बताया कि बीते 19 जून को जब बाढ़ का पानी आया था तब खेत में लगा हुआ धान का बिछड़ा एवं गर्माधान का फसल, मूंगफली इत्यादि बर्बाद हो गया था किसी तरह परिवार एवं अपने सगे संबंधियों व आने जिलों से बिछड़ मंगा कर रोपनी किए थे लेकिन बीते 16 जुलाई को एक बार पुन बाढ़ का पानी आया और खेतों में रोपा गया धान का फसल बर्बाद हो गया. किसी किसने की कमर टूट गई है, दूसरी बार पुनः संबंधियों व अन्य जिले से बिछड़े मंगा कर रोपनी कर रहे हैं, लेकिन इस बार लागत उत्पादन से अधिक हो रही है. किसान शशि भूषण, मुकेश कुमार, विनोद कुमार, तरुण कुमार इत्यादि ने बताया कि एक बीघा खेत में रोकने के लिए मजदूरों को तीन से ₹4000 तक की मजदूरी देनी पड़ रही है, बिछड़ा दो से ढाई हजार रुपया प्रति इकट्ठा की दर से बाहर से खरीद कर लाया जा रहा है. लागत बड़ी लाभ की उम्मीद घट रही किसानों का यह भी कहना है कि इस बार धान की फसल में जितना खर्च हो रहा है वह उत्पादन से अधिक लागत लग रहा है, फिर भी भविष्य की उम्मीद में किसानों ने मेहनत कर रहे हैं सावन माह के मानसून की कमजोरी फुहारे से हिलसा अनुमंडल क्षेत्र के विभिन्न प्रखंड में धान रोपने का कार्य तेजी देखी जा रही है, हिलसा अनुमंडल कृषि पदाधिकारी चंद्र आलोक कुमार ने कि अनुमंडल के सभी प्रखंड को धान रोपनी का लक्ष्य दिया गया है जिसके अनुरूप कार्य किया जा रहा है, हिलसा प्रखंड के पूर्वी इलाका में मानसून के कमजोर के कारण छिट फुट बारिश में धान रोकने का कार्य तेजी से हो रहा है, नालंदा जिला में 24 घंटे के अंदर हुए झमाझम बारिश के कारण जहां शहर की गलियां में जल जमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है वहीं ग्रामीण क्षेत्र में किसानों के चेहरे पर खुशी देखी जा रही है, हिलसा शहर के सुर्य मंदिर परिसर में कुछ ही घंटे बारिश से झील बन गया, बता दे के बीते 17 जुलाई को भारत सरकार के द्वारा स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 में रिपोर्ट कार्ड में हिलसा नगर परिषद को पूरे बिहार में 20वां स्थान एवं नालंदा जिले में नगर परिषद क्षेत्र को प्रथम स्थान प्राप्त किया था, जल जमाव से मंदिर पर आए लोगों को पूजा अर्चना, एस यू कॉलेज में पठन-पाठन करने वाले छात्राएं, पास के स्कूल एवं कोचिंग जाने वाले लोगों को परेशानी हुआ, वार्ड पार्षद विजय कुमार विजेता ने बताया कि एक व्यक्ति के द्वारा सरकारी जमीन को अतिक्रमण कर लिया गया है जिसके कारण पानी निकासी बंद कर दिया गया है, मकान के पीछे के जल निकासी वाली खाई को भी अब मिट्टी भरकर कब्ज में ले लिया है, 2016 ईस्वी में मेरे आवेदन पर आंचल द्वारा जमीन की मापी कराई गई थी, इस मापी रिपोर्ट पर जमीन अतिक्रमण के जाने की बात कही गई है, कार्यपालक पदाधिकारी रविशंकर कुमार ने कहा कि नल नहीं रहने के कारण जल जमाव की स्थिति उत्पन्न हो गया था, मुख्य पार्षद धनंजय कुमार ने कहा कि मंगलवार को जल जमाव हुआ था जिसे डीजल पंप सेट के द्वारा पानी की निकासी कुछ ही घंटे में कर लिया गया. करायपरसुराय प्रखंड में 64% धान की रोपाई करायपरसुराय प्रखंड कृषि पदाधिकारी जन्मेजय सिन्हा ने बुधवार को जानकारी दिया कि प्रखंड क्षेत्र में धान रोपाई का लक्ष्य चार हजार सात सौ दिया गया था जिसमें दो हजार पांच सौ 69 हेक्टेयर धान की रोपनी कर ली गई है, प्रखंड के बेरथू पंचायत में 366 हेकटेयर, डियावां पंचायत में 309 हेकटेयर, गोदू बिगहा पंचायत में 284 हेकटेयर, करायपरसुराय पंचायत में 310 हेक्टयर, मखदुमपुर पंचायत में 437 हेक्टयर, मकरौता पंचायत में 323 हेक्टयर, सान्ध पंचायत में 544 हेक्टेयर है. हिलसा प्रखंड में 80% धान की हुई रोपाई हिलसा प्रखंड के कृषि पदाधिकारी रामानुज प्रसाद बुधवार को जानकारी दिया के हिलसा प्रखंड में बुधवार तक 80% धान की रोपाई हुआ है जिसमे अकबरपुर पंचायत 605 हेक्टयर, अरपा पंचायत में 939 हेक्टयर,अषाढी पंचायत में 661 हेकटेयर, बारा पंचायत में 382 हेकटेयर, चिकसौरा पंचायत में 546 हेकटेयर,इंदौत पंचायत में 470 हेकटेयर, कामता पंचायत में 587 हेकटेयर,कावां पंचायत में 639 हेकटेयर,कोरावां पंचायत में 587 हेकटेयर, मिर्जापुर पंचायत में 583 हेकटेयर,पुना पंचायत में 643 हेकटेयर,योगीपुर पंचायत में 463 हेक्टेयर, रेडी पंचायत में 737 हेक्टेयर,जूनियार पंचायत में 740 हेकटेयर, कपसियावां पंचायत में 664 हेकटेयर एवं हिलसा नगर परिषद क्षेत्र में 1254. 50 हेक्टयर यानी कुल मिलाकर दस हजार पांच सौ हेक्टेयर धान की रोपाई का कार्य किया गया.
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