बिहारशरीफ. उत्पाद की कम से कम बर्बादी पूंजी, कौशल तकनीकी सुविधा एवं आवश्यकता के अभाव आदि का समाधान करने और इन उद्यमों के उन्नयन में सहायता प्रदान करने के लिये केंद्र सरकार की प्रायोजित योजना पीएमएफएमई योजना की शुरूआत की गयी. योजना के तहत जिले में उत्पादित कृषि सामग्रियों से खाद्य प्रसंस्करण पर आधारित उदयोग स्थापित कर जिले के बेरोजगार युवकों को स्वरोजगार कर उद्यमी बनने का सुनहरा अवसर प्रदान की जा रही है. कृषि प्रधान जिले होने के कारण कृषि आधारित वस्तुओं पर छोटे छोटे उदयोग स्थापित करने की जिले में असीम संभावनाएं है. उदयोग विभाग द्धारा योजना के तहत 328 लाभुकों को वित्तीय वर्ष में ऋण देने के लिये चयन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसमें विभिन्न प्रकार के उदयोग स्थापित करने के लिये 572 उदयमी का आवेदन बैंकों में भेजा गया है. इन आवेदनों में मात्र 112 आवेदन का ही बैंकों से ऋण की स्वीकृति प्राप्त हुआ है. खाद्य पर आधारित इकाई लगाने के लिये परियोजना लागत का पैंतीस प्रतिशत की दर से अधिकतम दस लाख रूपये तक क्रेडिट लिंक पूंजीगत अनुदान देने का प्रावधान है. इस योजना के तहत लाभुक को अनुदान के रूपये जो लंबित चल रहा था जिसे शीघ्र ही भुगतान कर दिया जायेगा.इस प्रकार के उदयोग कर सकते हैं स्थापित : स्वरोजगार एवं आत्मनिर्भर बनकर अपने परिवार का भरण पोषण करने के इच्छुक उदयमी आटा, सत्तू, बेसन उत्पादन, मशाला उत्पादन, नमकीन उत्पादन, पापड़ एवं बड़ी उत्पादन, आचार मुरब्बा उत्पादन, फल जूस इकाई के अतिरिक्त अन्य पदार्थों पर आधारित उदयोग को लगा सकते हैं. क्या कहते हैं अधिकारी : जिले के बेरोजगार युवा एवं महिला कृषि उत्पादित खाद्य पदार्थों से इस योजना के अंतर्गत उदयोग लगाकर आत्मनिर्भर बन सकते हैं. बेरोजगारों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे, वहीं कृषकों की आमदनी भी बढेगी. – सचिन कुमार, महाप्रबंधक, जिला उदयोग केंद्र, नालंदा
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