9.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार पंचायत चुनाव: गांवों में बह रही बदलाव की बयार, 34 पंचायतों में मात्र तीन मुखिया का ही हुआ रिन्यूअल

जिले में दो चरण का पंचायत चुनाव हो चुका है. अभी आठ चरण का चुनाव शेष है. दो चरणों में चार प्रखंडों के 34 पंचायतों में हुए चुनाव बता रहे हैं कि गांवों में बदलाव की बयार बह रही है. गांव की सरकार बनाने के लिए लोग सतर्क हो कर वोट कर रहे हैं.

सासाराम . जिले में दो चरण का पंचायत चुनाव हो चुका है. अभी आठ चरण का चुनाव शेष है. दो चरणों में चार प्रखंडों के 34 पंचायतों में हुए चुनाव बता रहे हैं कि गांवों में बदलाव की बयार बह रही है. गांव की सरकार बनाने के लिए लोग सतर्क हो कर वोट कर रहे हैं.

तभी तो 34 में से मात्र तीन मुखिया ही अपना पद बचाने में सफल हो सके हैं. शेष 31 पूर्व हो गये. दावथ व रोहतास ऐसे हैं, जहां एक भी पुराना मुखिया नहीं जीत सका है, तो संझौली में दो और नौहट्टा में एक महिला मुखिया अपनी साख बचा पाये है.

दो चरणों के चुनाव के परिणाम ने 15 प्रखंडों के पंचायत चुनाव के उम्मीदवारों की बेचैनी बढ़ा दी है. निवर्तमान पंचायत प्रतिनिधियों की चिंता बढ़ गयी है. पुराने लोगों की रणनीति नये के आगे फेल कर रही है. लोगों की माने तो चुनाव जीतने के बाद स्कॉर्पियो पर चलने वाले अधिकतर मुखिया हार रहे हैं. जो अपने लोगों से जुड़ा रहा और अपने लोगों के काम आता रहा, उसे जनता का स्नेह मिल रहा है.

वैसे निवर्तमान मुखियाओं के हारने के पीछे के कई कारण हो सकते हैं? जानकारों की माने तो हर घर नल का जल योजना निवर्तमान मुखियाओं के शाख को पानी में डूबोने का कार्य सबसे अधिक किया है.

इसके पीछे का तर्क है कि शायद ही कोई एक ऐसा पंचायत या गांव हो, जहां यह योजना सही ढंग से पूरी हुई हो. अधिकतर जगहों पर कहीं पानी का टंकी गिर पड़ी, तो कहीं पाइप ऐसा लगाया की फटता ही रहा, कहीं मोटर खराब यानी योजना फेल तो मुखिया जी फेल.

Posted by Ashish Jha

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें