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बिहार में लॉकडाउन के कारण सवा दो सौ करोड़ रुपये की कम हुई बिजली खपत

बिहार में लॉकडाउन के कारण मार्च महीने में बिजली कलेक्शन करीब दो सौ करोड़ रुपये कम हुआ है. इसके साथ ही हर तरह के प्रतिष्ठान बंद रहने की वजह से प्रतिदिन बिजली खपत में करीब 600 मेगावाट की कमी आयी है. इस बिजली की कीमत करीब 12 करोड़ रुपये है.

पटना. बिहार में लॉकडाउन के कारण मार्च महीने में बिजली कलेक्शन करीब दो सौ करोड़ रुपये कम हुआ है. इसके साथ ही हर तरह के प्रतिष्ठान बंद रहने की वजह से प्रतिदिन बिजली खपत में करीब 600 मेगावाट की कमी आयी है. इस बिजली की कीमत करीब 12 करोड़ रुपये है. बिजली कंपनी के सूत्रों का कहना है कि औसतन बिजली बिल कलेक्शन प्रतिमाह करीब आठ सौ करोड़ रुपये होता था. कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए मीटर रीडिंग और बिजली बिल कलेक्शन काउंटर बंद कर दिये गये थे. पिछले तीन महीने के औसत के आधार पर बिजली बिल ऑनलाइन भेजा जा रहा था. साथ ही लोगों से ऑनलाइन बिजली बिल भुगतान करने की अपील की जा रही थी. करीब एक तिहाई बिजली उपभोक्ताओं ने ऑनलाइन बिजली बिल जमा नहीं किया. इस कारण बिजली बिल कलेक्शन में कमी आयी है.

बिजली खपत में आयी कमी

बिजली कंपनी के सूत्रों का कहना है कि लॉकडाउन के पहले पीक आवर में राज्य का प्रतिदिन बिजली खपत करीब 45 सौ मेगावाट होता था. लॉकडाउन के बाद व्यापारिक और औद्योगिक संस्थानों को बंद करने का असर बिजली खपत पर भी दिखा. इसमें करीब छह सौ मेगावाट प्रतिदिन की कमी आयी है. अनुमान के मुताबिक इसकी कीमत करीब 12 करोड़ रुपये प्रतिदिन है. बिजली कंपनी के अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि राज्य में बिजली बाहरी कंपनियों से खरीद कर आपूर्ति होती है. बिजली उपभोक्ताओं ने बिल जमा नहीं किया है, तो प्रत्येक महीने इसमें बढ़ोतरी होती रहेगी. इससे उपभोक्ताओं पर बकाये का भार बढ़ेगा. बिजली कंपनी ने ऑनलाइन बिल भुगतान की सुविधा दी है. इसके लिए लोग घर बैठे ही अपना भुगतान कर सकते हैं.

हॉट स्पॉट पर किया जाये रैंडम टेस्ट और तीन माह का बिजली बिल हो माफ : तेजस्वी

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद ने कहा कि प्रदेश में अधिक से अधिक जांच केंद्र स्थापित किये जाएं. प्रमंडल और जिले स्तर से इसकी शुरुआत की जानी चाहिए. खासतौर पर हॉट स्पॉट्स पर अधिक से अधिक लोगों का टेस्ट किया जाना चाहिए. जरूरतों के मद्देनजर पर्याप्त वेंटिलेटर की व्यवस्था करने का भी आग्रह सरकार से किया है. बयान में कहा है कि किसानों को क्षतिग्रस्त फसल का का मुआवजा यथाशीघ्र मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि तीन माह के बिजली बिल माफ होना चाहिए. उन्होंने सरकार से कहा कि विद्यालयों में छात्रों की तीन माह की फीस माफ की जानी चाहिए. इसके अलावा उन्होंने कहा कि गैर राशनकार्ड धारियों को आर्थिक सहायता और प्रवासी कामगारों के लिए राशन-भोजन व्यवस्था सुनिश्चित की जाये. बेरोजगारों को विशेष आर्थिक सहायता देने का आग्रह भी किया है. उच्चाधिकारियों के वेतन में भी कटौती करने के लिए कहा है.

Radheshyam Kushwaha
Radheshyam Kushwaha
पत्रकारिता की क्षेत्र में 12 साल का अनुभव है. इस सफर की शुरुआत राज एक्सप्रेस न्यूज पेपर भोपाल से की. यहां से आगे बढ़ते हुए समय जगत, राजस्थान पत्रिका, हिंदुस्तान न्यूज पेपर के बाद वर्तमान में प्रभात खबर के डिजिटल विभाग में बिहार डेस्क पर कार्यरत है. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश करते है. धर्म, राजनीति, अपराध और पॉजिटिव खबरों को पढ़ते लिखते रहते है.

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