बिहार : एनटीपीसी बाढ़ में स्टेज-1 की तीसरी इकाई ग्रिड के साथ सफलतापूर्वक सिंक्रनाइज़ कर ली गई है. आज दोपहर 01:56 मिनट पर एनटीपीसी के वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिती में संयंत्र की 660 मेगावाट की इस इकाई का सिंक्रनाइज़ेशन सम्पन्न हुआ. संयंत्र के सफल सिंक्रनाइज़ेशन से इसकी कमिशनिंग तद्पश्चात वाणिज्यिक प्रचालन का मार्ग प्रशस्त होगा.
72 घंटे तक पूर्ण लोड पर चलाया जाएगा
सिंक्रनाइज़ेशन प्रक्रिया के तहत प्लांट लोड फैक्टर को देखने के लिए इसे ग्रिड से जोड़ा गया है ताकि संयंत्र के अन्य सभी पहलू सही तरीके से काम कर रहे हैं, यह सुनिश्चित किया जा सके. संयंत्र के सिंक हो जाने के बाद, यदि यह केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुसार टर्बाइन, बॉयलर, जल प्रवाह आदि जैसे सभी मानदंडों और मापदंडों को पूरा करता है तो इसे लगातार 72 घंटे तक पूर्ण लोड पर चलाया जाएगा. बाढ़ परियोजना के चरण-1 की (3×660 मेगावॉट) की दो इकाइयां और चरण-2 (2×660 मेगावॉट) की दो इकाइयाँ पहले ही बिजली का वाणिज्यिक उत्पादन कर रही हैं.

इन राज्यों को भी मिलेगी बिजली
अधिकारीयों ने बताया कि बाढ़ परियोजना से बिहार, झारखंड, सिक्किम, तेलंगाना, गुजरात, पश्चिम बंगाल, केरल और ओडिशा को बिजली पहुंचाई जा रही है. वर्तमान में खास कर बिहार को स्टेज-1 और स्टेज-2 से 1955 मेगावॉट बिजली मिल रही है, इस यूनिट के वाणिज्यिक प्रचालन में आने से बिहार को अतिरिक्त 401 मेगावॉट बिजली मिलेगी. उन्होंने आगे बताया कि वर्तमान में एनटीपीसी, बिहार को अपने विभिन्न संयंत्रों के माध्यम से 6726 मेगावाट से भी अधिक बिजली की आपूर्ति कर रहा है.
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आने वाले दिनों में 3300 मेगावाट बिजली का उत्पादन करेगा एनटीपीसी बाढ़
गौरतलब है कि वर्तमान में एनटीपीसी बाढ़ के स्टेज-1 की दो यूनिट से 1320 मेगावाट और स्टेज-2 की दो यूनिट से 1320 मेगावाट यानि कुल 2640 मेगावाट बिजली उत्पादन हो रहा है और अब आने वाले कुछ दिनों में इस परियोजना से पूरी क्षमता अर्थात् 3300 मेगावाट बिजली का उत्पादन होने लगेगा. इस दौरान एनटीपीसी पूर्वी क्षेत्र-1 के कार्यकारी निदेशक सुदीप नाग, बाढ़ परियोजना के कार्यकारी निदेशक, जी श्रीनिवास राव, कार्यकारी निदेशक (पीएम), के एन रेड्डी और एनटीपीसी बाढ़ की टीम सहित अन्य संबधित अधिकारीगण उपस्थित रहें.
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