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Bihar vidhan sabha session 2020 : नयी सरकार की पहली परीक्षा, 51 साल बाद विधानसभा अध्यक्ष के लिए आज होगी वोटिंग

सत्ता पक्ष से भाजपा के वरिष्ठ नेता और चौथी बार चुन कर आये पूर्व मंत्री विजय कुमार सिन्हा और महागठबंधन की ओर से राजद के विधायक अवध बिहारी चौधरी ने मंगलवार को इस पद के लिए नामांकन किया.

पटना : नयी सरकार का गठन होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए इस बार चुनाव होगा. करीब 51 साल बाद इस पद के लिए ऐसा अवसर आया है, जब पक्ष और विपक्ष के बीच टकराव की स्थिति होगी.

सत्ता पक्ष से भाजपा के वरिष्ठ नेता और चौथी बार चुन कर आये पूर्व मंत्री विजय कुमार सिन्हा और महागठबंधन की ओर से राजद के विधायक अवध बिहारी चौधरी ने मंगलवार को इस पद के लिए नामांकन किया. इसके बाद मतदान की नौबत आ पड़ी है.

बुधवार को प्रोटेम स्पीकर जीतन राम मांझी की मौजूदगी में मतदान कराया जायेगा. पहले ध्वनिमत से फैसला होगा. लेकिन, आपत्ति जताये जाने पर लाॅबी में टिक मार्का लगाकर सदस्य विधानसभा अध्यक्ष को चुनेंगे. इससे पहले 1969 में धनिकलाल मंडल व रामनारायण मंडल के बीच इस पद को लेकर चुनाव हुआ था, िजसमें रामनारायण मंडल जीते थे.

एनडीए की तरफ से वरिष्ठ नेता व पूर्व पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव की जगह पूर्व श्रम संसाधन मंत्री व लखीसराय के विधायक विजय कुमार सिन्हा को उम्मीदवार बनाया गया है. मंगलवार की दोपहर को विधानमंडल का सत्र समाप्त होने के बाद श्री सिन्हा ने अपना नामांकन प्रोटेम स्पीकर जीतन राम मांझी के समक्ष 11 सेट में दायर किया है.

दूसरी तरफ, सीवान के राजद विधायक अवध बिहारी चौधरी ने भी पांच सेट में अपना पर्चा दाखिल िकया. दोनों तरफ से उम्मीदवारों का पर्चा दाखिला होने के बाद विधानसभा और विधान परिषद में अलग-अलग स्तर पर गहमागहमी रही. दोनों पक्षों की ओर से संख्या बल जुटाने की कोशिश होती रही.

वहीं, भाजपा विधानमंडल दल के नेता डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने ह्विप जारी कर दिया है. उन्होंने वोटिंग के दौरान एनडीए के सभी घटक दलों के 125 विधायकों को अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने को कहा है. जदयू ने भी अपने सभी िवधायकों को सदन में मौजूद रहने का िनर्देश िदया है. जिन कुछ विधायकों की शपथ नहीं हो पायी है, उनका शपथ ग्रहण बुधवार की सुबह हो जायेगा. इसके बाद अध्यक्ष पद के लिए वोटिंग की प्रक्रिया शुरू होगी.

विधानसभा में संख्या बल को देखते हुए एनडीए के उम्मीदवार विजय कुमार सिन्हा का अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है. पिछले विधानसभा अध्यक्ष जदयू के विजय कुमार चौधरी थे, तो इस बार भाजपा के विजय कुमार सिन्हा अध्यक्ष बनने जा रहे हैं. दोनों ‘विजय’ ही अध्यक्ष पद पर काबिज होंगे.

विधानसभा अध्यक्ष के लिए चुनाव होने के सवाल पर एनडीए उम्मीदवार विजय कुमार सिन्हा ने मंगलवार को कहा कि इस पद के लिए सर्वसम्मति की परिपाटी रही है. यह पद सबको मिलाकर चलने का रहा है. विपक्ष भी सरकार का अंग है. इसलिए मिलकर सर्वसम्मति से वातावरण बनाने की जरूरत है. श्री सिन्हा ने कहा कि सर्वसम्मति और सहमति ही बिहार के लोगों की अपेक्षा है.

उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष बनने के लिए अनुभव होने संबंधी तेजस्वी यादव के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी. विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि तेजस्वी यादव विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाये गये थे. वह भी नये थे, इससे पता चलता है कि नये लोगों को पुराने और वरिष्ठ लोग मौका देते हैं. अनुभव कार्य से होता है. कार्य और व्यवहार जनता देखती है.

Posted by Ashish Jha

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