दोहरे हत्याकांड . डीआइजी व एसपी ने लिया घटनास्थल का जायजा
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रंजीत सहित छह पर प्राथमिकी
दोहरे हत्याकांड . डीआइजी व एसपी ने लिया घटनास्थल का जायजा पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर एक आरोपित को किया गिरफ्तार आरोपित के पास से रेगुलर राइफल व तीन दर्जन कारतूस बरामद आरा : उदवंतनगर थाना क्षेत्र के बेलाउर गांव में पिता-पुत्र की हत्या के मामले में नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. मृतक मनीष […]
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर एक आरोपित को किया गिरफ्तार
आरोपित के पास से रेगुलर राइफल व तीन दर्जन कारतूस बरामद
आरा : उदवंतनगर थाना क्षेत्र के बेलाउर गांव में पिता-पुत्र की हत्या के मामले में नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. मृतक मनीष राय के भाई रजनीश के बयान पर दर्ज एफआइआर में कुख्यात रंजीत चौधरी सहित छह लोगों को आरोपित किया गया. इसमें त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने एक आरोपित को गिरफ्तार कर लिया. उसके पास से एक रेगुलर राइफल व तीन दर्जन कारतूस भी बरामद किया गया है. पकड़ा गया आरोपित बेलाउर गांव निवासी हरेराम चौधरी बताया जा रहा है.
एसपी क्षत्रनील सिंह के नेतृत्व में पुलिस उससे पूछताछ कर रही है. वहीं हत्या की सूचना मिलने पर डीआइजी ए रहमान व एसपी क्षत्रनील सिंह भी उदवंतनगर पहुंचे और मामले की छानबीन की. दोनों अफसरों ने थानेदार को जल्द- से- जल्द आरोपितों को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया. एसपी क्षत्रनील सिंह ने बताया कि अन्य आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए हरेराम चौधरी की निशानदेही पर छापेमारी की जा रही है. उन्होंने बताया कि फरार चल रहे आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए टीम का गठन किया गया है. पुलिस के अनुसार बूटन चौधरी व रंजीत चौधरी के बीच वर्षों से जारी गैंगवार में उमेश राय व उसके बेटे की हत्या की गयी है.
मारे गये उमेश पर दर्ज हैं पांच मामले
गैंगवार में मारा गया बेलाउर गांव निवासी उमेश राय का आपराधिक इतिहास काफी लंबा है. उसके खिलाफ उदवंतनगर थाने में पांच मामले दर्ज हैं. इसमें हत्या व अगजनी सहित मामले हैं. उसके खिलाफ थाने में डोसियर भी खोला गया था. उसके बेटे मनीष पर भी फायरिंग का मामला दर्ज है. सूत्रों की माने तो बूटन के जेल में रहने उमेश उसके लिए क्षेत्र में काम करता था. हालांकि उसके परिजनों की माने तो गत एक साल से वह बूटन से अलग हो गया था. इधर, एसपी क्षत्रनील सिंह ने बताया कि उमेश राय हिस्ट्रीशीटर अपराधी है. उसके खिलाफ उदवंतनगर थाना में पांच मामले दर्ज हैं. जिले के अन्य थानों से भी उसके आपराधिक इतिहास को खंगाला जा रहा है.
बूटन व रंजीत की रंजिश में गिर चुकी हैं चार लाशें
कभी एक ही सिक्के के दो पहलू रहे बेलाउर गांव निवासी बूटन चौधरी व रंजीत चौधरी की दुश्मनी ने ऐसा रूप धारण किया कि लाशें गिरनी शुरू हो गयी. इनके बीच वर्षों से जारी गैंगवार में अब तक चार लोगों की जान जा चुकी है. इसमें रंजीत के भाई हेमंत चौधरी, तो बूटन चौधरी के पक्ष की तत्कालीन मुखिया चंपा देवी शामिल हैं. इसी कड़ी में मंगलवार की रात बूटन गुट के उमेश राय व उसके पुत्र मनीष की हत्या कर दी गयी. पिता-पुत्र की हत्या रंजीत चौधरी के भाई हेमंत चौधरी की हत्या के प्रतिशोध में की गयी है. बता दें कि रंजीत चौधरी कभी बूटन का शूटर रहा था. बाद में दोनों के बीच किसी बात को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया. बाद में विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों एक दूसरे के खून के प्यासे बन गये. इसको लेकर दोनों के बीच कई बार फायरिंग भी हो चुकी है. गोलीबारी की घटना में बूटन चौधरी जख्मी भी हो चुका है.
भागलपुर जेल में बंद है बूटन
बेलाउर गांव निवासी कुख्यात बूटन चौधरी फिलहाल भागलपुर जेल में बंद है. पंचायत चुनाव के पहले उसको एक 47 व हथियारों के जखीरे के साथ गांव से गिरफ्तार किया गया था. उसके साथ उसके चार गुरगों को भी दबोच लिया गया था. उसके बाद उसे आरा मंडल कारा भेज दिया गया था. हालांकि जेल में रहने के बावजूद उसकी आपराधिक गतिविधियों को देखते हुए एसपी की पहल पर उसे आरा मंडल कारा से भागलपुर जेल भेज दिया गया. सूत्रों की माने, तो बूटन की गिरफ्तारी के पीछे भी रंजीत चौधरी का ही हाथ था.
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