बेतिया.मेडिटेशन एक ऐसा अभ्यास है जो आंतरिक शांति देकर तनाव से राहत प्रदान करता है. यह मन को शांत करने, विचारों को नियंत्रित करने और भावनात्मक संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है. उक्त बातें मध्यप्रदेश के जबलपुर स्थित बॉम्बे हॉस्पिटल की सीनियर गाइनेकोलॉजिस्ट बीके डॉ पुष्पा पाण्डेय ने कही. वे सोमवार को जीएमसीएच के ए ब्लॉक के सभागार मे ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के द्वारा मेडिटेशन ए पाथवे टू इनर पीस एंड स्ट्रेस रिलीफ विषय पर आयोजित सेमिनार में अपना विचार व्यक्त कर रही थी. उन्होंने बताया कि ध्यान शरीर और मन को शांत करने में मदद करता है, जिससे तनाव और चिंता के स्तर कम होते हैं. चिकित्सक व कर्मी काम के बोझ से ग्रसित रहते है. उनके लिए जरूरी है कि वे प्रतिदिन ध्यान की मुद्रा मे कुछ देर के लिए रहें इससे तनाव मे कमी, चिंता मे कमी आयेगी और अच्छी नींद आएगी. जीएमसीएच अधीक्षक डॉ सुधा भारती ने कहा कि मेडिकल प्रोफेशन के लोग विभिन्न तरह के मरीजों के इलाज करते रहने के कारण कभी कभी तनावग्रस्त हो जाते है. तनाव का सीधा असर शरीर पर पड़ता है. इससे छुटकारा पाने का सबसे सही और उत्तम माध्यम ध्यान करना है. जिससे तनाव से मुक्ति मिलती है. उन्होंने बताया कि ध्यान से रक्तचाप भी नियंत्रित होता है. हृदय के स्वास्थ्य में सुधार होता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा मिलता है. जीएमसीएच के प्राचार्य डॉ प्रो दिनेश कुमार ने बताया कि तनाव को कम करने के लिए ध्यान करना बहुत जरूरी होता है. इससे हम मनुष्य में शारीरिक और मानसिक संतुलन दुरुस्त बना रहता है. मनुष्य गंभीर बीमारी से बचा रहता है. मौके पर बीके अंजना, प्रभारी उपाधीक्षक डॉ दिवाकांत मिश्रा, डॉ विरेंद्र कुमार, डॉ एस के रंजन, डॉ अनिल कुमार, डॉ राजीव कुमार के साथ अन्य चिकित्सक, मेडिकल छात्र छात्राएं और कर्मी उपस्थित रहें.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है