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नेवी जवान का शव पहुंचते ही मचा कोहराम, रविवार की रात फुलवारी शरीफ में ट्रेन से उतरने के दौरान हुआ हादसा
बीहट : एफसीआइ ओपी क्षेत्र अंतर्गत बीहट नगर परिषद के गुरदासपुर शिवस्थान, टोला वार्ड-21 निवासी चंद्रचूल सिंह के लगभग पच्चीस वर्षीय पुत्र रवि कुमार की मौत की खबर से सोमवार की सुबह परिजनों में चीख पुकार मच गयी. मृतक के मामा नरेश सिंह ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि रविवार की रात ट्रेन […]
बीहट : एफसीआइ ओपी क्षेत्र अंतर्गत बीहट नगर परिषद के गुरदासपुर शिवस्थान, टोला वार्ड-21 निवासी चंद्रचूल सिंह के लगभग पच्चीस वर्षीय पुत्र रवि कुमार की मौत की खबर से सोमवार की सुबह परिजनों में चीख पुकार मच गयी.
मृतक के मामा नरेश सिंह ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि रविवार की रात ट्रेन से उतरने के क्रम में पटना के फुलवारीशरीफ स्टेशन के समीप उक्त घटना हुई. शव के साथ मिले आधार कार्ड के बाद उसकी पहचान हुई.
इसके बाद जीआरपी द्वारा घटना की जानकारी संबंधित थाने को दी गयी. उन्होंने बताया कि आज सुबह लगभग आठ बजे घटना की सूचना एफसीआइ थाने के द्वारा मिली. सूचना मिलते ही परिजन पटना के लिए रवाना हो गये.वहीं मौत की खबर से महिलाओं में कोहराम मच गया. पूरे टोले में मातमी सन्नाटा पसर पसर गया.
विभागीय परीक्षा देने जा रहा था मुंबई :मृत युवक के मामा नरेश सिंह ने बताया कि रवि इंडियन नेवी का जवान था और फिलहाल वह गोवा में पदस्थापित था. छह मार्च को छुट्टी पर घर आया हुआ था.
इसी दौरान विभागीय परीक्षा देने हेतु मुंबई जाना था. दस मार्च को मोटरसाइकिल से साढ़े छह बजे शाम में मोकामा पहुंचा था. वहीं गाड़ी लगाकर ट्रेन से पटना पहुंचा था. इसी क्रम में पिता से मोबाइल पर अंतिम उसकी बात हुई कि उसे ट्रेन मिल गयी है,वह जा रहा है.परिजनों के अनुसार पटना से किसी लोकल ट्रेन से फुलवारीशरीफ के लिए चला था.
जहां से उसे फ्लाइट से मुंबई के लिए रवाना होना था.लेकिन इसी दौरान फुलवारीशरीफ स्टेशन के समीप उतरने के क्रम में ट्रेन की चपेट में आ गया और घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गयी. परिजनों ने बताया कि लोग गये हुए हैं. वहां से लौटने के बाद पूरी जानकारी मिल पायेगी.
इकलौता कमाऊ बेटा था रवि :ग्रामीणों ने बताया कि रवि काफी होनहार और मेहनती युवक था.अभी उसकी शादी भी नहीं हुई थी. वर्ष 2013 में उसने इंडियन नेवी में नौकरी हासिल किया था. उसकी नौकरी के बाद परिवार की हालत सुधरी थी. परिवार में वह इकलौता कमाऊ बेटा था.
हालांकि उससे बड़ा एक भाई राजकुमार सिंह है.तीन बहनें हैं और सभी शादीशुदा हैं.21 फरवरी को नये घर के निर्माण के लिए नींव पड़ा था.उसके आने के बाद बालू,गिट्टी घर के सामने गिराया गया था.मगर उसकी मौत से सब कुछ धरा रह गया.परिजनों ने बताया कि परीक्षा के बाद उसे सीधे घर वापस होना था और फिर होली के बाद वह अपनी ड्यूटी पर लौटता.
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