बांका. पिछले कुछ दिनों से लोगों को गरमी की तपिश ने हलकान कर दिया है. मई महीने में प्रवेश करने के बाद पहली तारीख से अब तक पहले से ज्यादा तपिश और तीखी धूप लोगों को बेचैन कर रही है. आसमान से आग बरसती धूप शरीर को जला रही है. धरती भी आग उगल रही है. हवा भी बहती है तो दोपहर बाद गरम हो जाती है. लोगों को न दिन में चैन मिल रहा है और न ही रात में. पसीने से लोग तर-बतर हो रहे हैं. हर हमेशा पसीना पोंछने व पंखा डुलाने में व्यस्त रहने लगे हैं. कड़ी धूप के कारण दोपहर में सड़क पर सन्नाटा पसरा रहता है. लोगों की आवाजाही कम हो जाती है.
लगातार बढ़ता जा रहा पारा
कुछ दिनों पूर्व तक 25 से 35 के बीच फंसा पारा शुक्रवार को 42 के पार पहुंच गया है. सूरज की तपन और लोगों की बेचैनी देख ऐसा लगता है कि मौसम का पारा अब 45 के पार छलांग लगाने ही वाला है. घर की दीवारें भी अहले सुबह से ही तप जाती है. टंकी का पानी भरने के साथ खौल जाता है. बाजार निकलने के नाम पर पहले ही पसीने छूटने लगते हैं. दस बजते-बजते बाजार की सड़कों से भीड़ का खिसकना शुरू हो जाता है. अतिआवश्यक कार्य के अलावे घर से बाहर निकलना लोगों ने बंद कर दिया है. हल्के-फुल्के कपड़े व हल्का भोजन करने की आदत सी बनती जा रही है. थोड़ी-थोड़ी देर के अंतराल पर ठंडा पानी से गला तर करने की आवश्यकता होने लगी है.हरा पेड़ व हाथ पंखा बना सहारा
गरमी से शरीर को थोड़ा भी राहत पहुंचाने वाला सामान इन दिनों खूब बिक रहा है. सबसे अधिक बिक्री हाथ पंखे की है. प्रचंड गरमी में इसकी बढ़ती मांग को देखते हुए इसकी बिक्री सभी दुकानों में होने लगी है. कई तरह के रंग-बिरंगे पंखे लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं. हाथ पंखे भी कई तरह के हैं. ताड़, फाइबर एवं प्लास्टिक व फोल्डिंग वाला हाथ पंखों में सबसे अधिक डिमांड ताड़ व खजूर के पंखों की है. वहीं रेडिमेड की दुकानों में हाफ पैंट व हल्के गंजी की बिक्री धूम मचा रही है तो कोल्डड्रिंक्स की दुकान ग्राहकों से कभी खाली ही नहीं हो पा रही है. श्रृंगार प्रसाधन सहित आम किराने की दुकानों में तरह-तरह के आइस टैल्क (पाउडर) की बिक्री चरम पर है. जबकि इलेक्ट्रिक पंखे, कूलर व एसी की बिक्री भी जोरों पर है. हल्का फुल्का खाना पसंद करने वाले लोगों का झुकाव इस भीषण गरमी में दही की ओर ज्यादा बनता जा रहा है. वे बताते हैं कि दही पेट को ठंडा रखता है साथ ही हाजमा ठीक रखने के अलावे पूर्ण भोजन का भी एहसास कराता है.गर्मी में अमृत है पानी
सदर अस्पताल के चिकित्सक दिलीप कुमार ने बताया कि गरमी की उमस से शरीर अत्यधिक पानी का डिमांड करती है. लू से बचाव के लिए लोगों को पानी का अत्यधिक सेवन कर ही घर से बाहर निकले. इसके अलावा एसी से सीधे धूप में निकलने से परहेज करें. चिकित्सक बताते हैं कि गरमी के समय में मीट, मछली व अंडा का सेवन कम करना चाहिए. इसके अलावा बच्चों व बुजुर्ग को ओआरएस का घोल नियमित पीना चाहिए. उल्टी, दस्त व बुखार की स्थिति में चिकित्सक से सलाह लेकर ही दवा का सेवन करना चाहिए. वहीं फिजिशियन के अनुसार इन दिनों वायरल फीवर की चपेट में लोग आ रहे हैं. खासकर जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, वायरल उन पर ज्यादा अटैक करता है. वायरल की वजह से लोगों को बुखार सहित नाक, कान, आंख व गले में संक्रमण देखा जा रहा है. इन वायरलों से बचाव के लिए प्रदूषित हवा सहित मच्छर भगाने वाले क्वाइल, बर्फ, अगरबत्ती, धूल व धुआं से दूर रहना चाहिए.बच्चों को हमेशा पिलाते रहें पानी
बढ़ती गर्मी ने खासकर छोटे बच्चों की परेशानी बढ़ा दी है. तेज धूप के कारण लोग जहां लू की चपेट में आ रहे हैं. वहीं हर पल बदलता मौसम बच्चों के लिए नयी बीमारियों को आमंत्रित कर रहा है. बच्चे ही नहीं बल्कि बूढ़े सहित हर उम्र के लोग अलग-अलग प्रकार की बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. मौसम के मिजाज में आ रही गर्मी के कारण वायरस इंफेक्शन तेजी से फैल रहा है. इससे सबसे ज्यादा बच्चे प्रभावित हो रहे हैं. इसलिए बच्चों को समय-समय पर पानी पिलाते रहना चाहिए. मच्छरों के बढ़ते प्रकोप व उनके काटने से मलेरिया सहित कई बीमारियों की चपेट में लोग आ रहे हैं. खास कर बच्चों को मच्छरों के प्रकोप से बचाने की जरूरत है. मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करना चाहिए. बच्चों को फीडर से ज्यादा ग्लास में दूध पिलाना चाहिए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है