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जलवायु परिवर्तन से बचने के लिए हमें अपने आने वाली पीढ़ी के लिए सोचने की जरूरत : नीतीश कुमार

अररिया : अपने बहुचर्चित जल जीवन हरियाली यात्रा के छठें चरण को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को अररिया पहुंचे. उनके आगमन का निर्धारित कार्यक्रम हेलीकॉप्टर से था, लेकिन खराब मौसम की वजह से वे सड़क मार्ग से ही अररिया पहुंचे. इस दौरान सबसे पहले उन्होंने अररिया प्रखंड के हयातपुर पंचायत स्थित राजापोखर के जीर्णोद्धार […]

अररिया : अपने बहुचर्चित जल जीवन हरियाली यात्रा के छठें चरण को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को अररिया पहुंचे. उनके आगमन का निर्धारित कार्यक्रम हेलीकॉप्टर से था, लेकिन खराब मौसम की वजह से वे सड़क मार्ग से ही अररिया पहुंचे. इस दौरान सबसे पहले उन्होंने अररिया प्रखंड के हयातपुर पंचायत स्थित राजापोखर के जीर्णोद्धार कार्य का उद्घाटन किया. इसके बाद वे अररिया कॉलेज में बनाये गये पार्क व ओपन जीम का उद्घाटन किया. वहां से वे सीधे कॉलेज के बगल में स्थित सभा स्थल पहुंचे. सभा स्थल पहुंच कर उन्होंने जिलेवासियों को दो बड़ी सौगातें दी.

उन्होंने सिमराहा में निर्माणाधीन इंजिनीयरिंग कॉलेज का नाम फणीश्वर नाथ रेणु के नाम पर रखने व कॉलेज के छात्र-छात्राओं के मांग पर कुलपति राजेश कुमार को अगले सत्र से अररिया कॉलेज में पीजी की पढ़ाई की शुरुआत किये जाने की घोषणा की. इसके साथ ही उन्होंने रीमोट के द्वारा जिले भर में 157.26 करोड़ की लागत से 110 योजनाओं का उद्घाटन व 570 करोड़ 67 लाख की लागत से 368 योजनाओं का शिलान्यास किया. अररिया पहुंचे सीएम जिलेवासियों की आवभगत का भी जमकर तारीफ किया. उन्होंने अररिया की धरती को प्रणाम किया.

उन्होंने कहा कि जल जीवन हरियाली अभियान की सफलता के लिए सभी को एकजुट होकर प्रयास करना पड़ेगा. इस अभियान के तहत 11 बिंदुओं पर उन्होंने अपने विचार रखे. इसमें मुख्य रूप से कहा कि मौसम का अनुकूल रहना ज्यादा जरूरी है. पूरे बिहार में कहीं सुखाड़ तो कहीं बाढ़ के हालात उत्पन्न हो जाते हैं. ऐसा क्यों हो रहा है, इस पर 13 जुलाई 2018 को विधानसभा व विधान परिषद की संयुक्त बैठक में जब विचार लिये गये तो मौसम का विपरीत रहना मुख्य कारण बन कर सामने आया. जब हमारी सरकार आयी तो उस वक्त बिहार में हरित आवरण 9 प्रतिशत था. हमने हरियाली मिशन कार्यक्रम चलाया. इसके तहत 24 करोड़ पौधे लगाये जाने का लक्ष्य था. 19 करोड़ पौधे लगाये गये. जलवायु परिवर्तन के कारण ही मिथिला में भूजल स्तर गिरा. जलवायु परिवर्तन से बचने के लिए हमें अपने आने वाली पीढ़ी के लिए सोचने की जरूरत है.

ठाकुरगंज में बोले सीएम, गिरते जल स्तर को रोकने के लिए हरियाली बढ़ाना आवश्यक
किशनगंज : जल और हरियाली के चलते ही जीवन है. अगर समय रहते हम सचेत नहीं हुए, तो गंभीर परिणाम सामने आयेंगे. सोमवार की शाम जल जीवन हरियाली यात्रा के तहत ठाकुरगंज पहुंचे सीएम नीतीश कुमार ने भातडाला पोखर के सौदर्यीकरण कार्य के लोकार्पण के बाद कही. इस दौरान उन्होंने जीवन के लिए जल और हरियाली की महत्ता के बारे में बताया और कहा कि बिहार के कई शहरों में भू-जलस्तर नीचे चला गया है. पर्यावरण को लेकर गंभीर होने की जरूरत है. बिहार को बाढ़ और सूखे का एक साथ सामना करना पड़ता है. हमें हरियाली को बढ़ाना है.

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक आहर, पईन, पोखर का जीर्णोद्धार किया जायेगा. हर घर नल का जल पहुंचा रहे हैं. हर हालत में चापाकलों को भी कायम रखेंगे. साथ ही सार्वजनिक स्थल पर कुएं का भी जीर्णोद्धार करेंगे. छत पर आनेवाले बारिश के पानी का हम संचयन करेंगे. कई राज्य ऐसे हैं, जहां भू-जल स्तर समाप्त हो गया है. मौसम के मुताबिक फसल चक्र पर हमलोगों ने काम करना शुरू कर दिया है.

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