35.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

पटना के अस्पतालों में एनेस्थीसिया डॉक्टर के आधे पद खाली, टाली जा रही सर्जरी

बिहार के किसी भी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एनेस्थीसिया विभाग में प्रोफेसर नहीं हैं. दो महीने पहले एनएमसीएच के प्रो. डॉ अशोक कुमार व छह महीने पहले पीएमसीएच के प्रो. डॉ विजय कुमार गुप्ता सेवानिवृत्त हो गये. जिसके बाद से यह पद खाली है.

आनंद तिवारी, पटना. शहर के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में पर्याप्त विशेषज्ञ डॉक्टर व फैकल्टी स्टाफ की कमी से मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. खासकर यह समस्या सबसे अधिक एनेस्थीसिया विभाग में है. शहर के पीएमसीएच, एनएमसीएच, पटना एम्स और एलएनजेपी हड्डी अस्पताल में एनेस्थीसिया के करीब 65 जूनियर डॉक्टरों के साथ प्रोफेसर व विशेषज्ञ चिकित्सकों के पद खाली हैं. इसके चलते कई विभाग में ऑपरेशन की तारीख 15 से सवा महीने बढ़ा दी जा रही है. यह परेशानी सबसे अधिक स्त्री एवं प्रसूति रोग, शिशु रोग, नेफ्रोलॉजी, गैस्ट्रो, हड्डी विभाग में है.

पूरे बिहार में एक भी एनेस्थीसिया के प्रोफेसर नहीं

प्रदेश के किसी भी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एनेस्थीसिया विभाग में प्रोफेसर नहीं हैं. दो महीने पहले एनएमसीएच के प्रो. डॉ अशोक कुमार व छह महीने पहले पीएमसीएच के प्रो. डॉ विजय कुमार गुप्ता सेवानिवृत्त हो गये. जिसके बाद से यह पद खाली है.

शहर के अस्पतालों का हाल
पीएमसीएच : 25 रेजिडेंट, पर 14 तैनाती

पीएमसीएच में अभी 65 ऐसे मरीज हैं, जो 40 दिन से अलग-अलग विभाग में सर्जरी के लिए चक्कर लगा रहे हैं. यहां डॉ विजय गुप्ता के रिटायर होने के बाद प्रोफेसर का पद खाली है. एनेस्थीसिया के सीनियर रेजिडेंट के 25 पदों में से करीब 14 पदों पर नियुक्ति की गयी है. पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर ने बताया कि जिन विभागों में प्रोफेसर आदि के पद खाली हैं उनको भरने की कवायद जारी है.

एनएमसीएच : 46 में 26 पदों पर ही तैनाती

एनएमसीएच के एनेस्थीसिया विभाग में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रो. असिस्टेंट प्रो. और सीनियर रेजिडेंट के 46 पद सृजित हैं. उनमें से करीब 26 पदों पर ही डॉक्टरों की तैनाती है. कम जरूरत वाले ऑपरेशन का समय सवा महीने तक आगे टाल दिया जाता है.

पटना एम्स : एनेस्थीसिया विशेषज्ञ कम

पटना एम्स में डीन डॉ उमेश भदानी समेत करीब 16 एनेस्थीसिया विशेषज्ञ हैं. जबकि यहां 35 मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर कार्यरत हैं. यहां एनेस्थीसिया विशेषज्ञों की कमी व कुछ जरूरत के अन्य कारणों से मात्र 25 मॉड्यूलर ओटी ही कार्य कर रहे हैं. यहां पर 25 और एनेस्थीसिया डॉक्टर की जरूरत है. यहां छोटी सर्जरी के लिए भी डेढ़ महीने से मरीज चक्कर लगा रहे हैं.

एलएनजेपी : 12 की जगह सात एनेस्थीसिया विशेषज्ञ

एलएनजेपी हड्डी अस्पताल में वर्तमान में यहां सात एनेस्थीसिया के डॉक्टर काम कर रहे हैं. जबकि विशेषज्ञों की मानें तो यहां वर्तमान में 12 एनेस्थेटिक की जरूरत है. यही वजह है कि यहां रात को डॉक्टर की तैनाती नहीं हो पाती है. एलएनजेपी हड्डी अस्पताल के निदेशक डॉ सुभाष चंद्रा ने बताया कि जो पद खाली हैं उनपर बहाली के लिए स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा गया है.

Also Read: बिहार के जिला अस्पताल ऑनलाइन संजीवनी एप को चला रहे ऑफलाइन, स्वास्थ्य सचिव की समीक्षा में पकड़ी गई कई खामियां
आइजीआइएमएस : पद खाली नहीं

आइजीआइएमएस में एनेस्थीसिया विभाग में एक भी पद खाली नहीं है. पद भरने से इनका उपयोग क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग में भी किया जा रहा है. आइजीआइएमएस के उपनिदेशक डॉ मनीष मंडल ने कहा कि हमारे यहां निर्धारित पद के बराबर बहाली है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें