पटना: प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तर्ज पर ही मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना की विस्तृत प्रतिवेदन रिपोर्ट (डीपीआर) बनायी जायेगी. ढाई सौ से अधिक आबादीवाले टोलों में पांच साल में 38 हजार किमी से अधिक ग्रामीण सड़क बनाने के लिए चयनित एजेंसियों को कहा गया है कि वे एमएमजीएसवाइ में भी पीएमजीएसवाइ के सभी नियमों का पालन करें. डीपीआर बनाने के लिए एजेंसियों को पीएमजीएसवाइ से जुड़े सभी आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध करा दिये गये हैं.
तकनीक का ध्यान रखा जाये
ग्रामीण कार्य विभाग ने एजेंसियों से कहा कि वह डीपीआर बनाते समय इसका खास ख्याल रखें कि कम खर्च पर अधिक गुणवत्तापूर्ण सड़कों का निर्माण कैसे हो सके. सड़क निर्माण से जुड़ी हर तकनीकी पहलू का ध्यान रखा जाये. इसके अलावा विभाग की मूल नीति समयबद्धता, गुणवत्ता, मितव्ययिता, निष्पक्षता व पारदर्शिता का भी पालन हो सके. किसी भी सूरत में संशोधित डीपीआर बनाने की आवश्यकता न हो. संशोधन के बाद सड़क निर्माण की राशि अधिक हो जाया करती है. डीपीआर बनाने के लिए देश की नामी-गिरामी 10 एजेंसियों का चयन किया गया है. इन एजेंसियों को गैर नक्सलग्रस्त राज्य के 27 जिले में ग्रामीण सड़कों का डीपीआर बनाना है.
डीपीआर बनाने में सहयोग करें
राज्य सरकार ने पीएमजीएसवाइ के तर्ज पर एमएमजीएसवाइ चालू वित्तीय वर्ष से अपनी योजना शुरू की है. ढाई सौ से अधिक आबादीवाले टोलों में पक्की सड़क बनाना इस योजना का मूल लक्ष्य है. इसके लिए विभाग ने कोर नेटवर्क बना कर उन गांवों को चिह्न्ति कर लिया है, जिसे प्राथमिकता के आधार पर बनाना है. एक -दो महीने में डीपीआर बनाने का काम पूरा कर लिया जायेगा. कार्यपालक अभियंताओं को कहा गया कि वे जिलों के लिए चयनित एजेंसियों को डीपीआर बनाने में सहयोग करें.