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भाजपा नेता पर हमला करनेवाला गोरखपुर से गिरफ्तार

भोरे (गोपालगंज). मीरगंज थाना क्षेत्र के सिंगहा मोड़ पर हुए भाजपा नेता कृष्णा शाही पर जानलेवा हमला मामले में गिरफ्तार विश्वजीत सिंह उर्फ विसई सिंह ने गोरखपुर पुलिस के सामने पूरे कांड का खुलासा किया है. इस मामले में गोरखपुर कैंट थाने में उसके विरुद्ध भादवि 419, 420, 467, 468, 471 की धारा के तहत […]

भोरे (गोपालगंज). मीरगंज थाना क्षेत्र के सिंगहा मोड़ पर हुए भाजपा नेता कृष्णा शाही पर जानलेवा हमला मामले में गिरफ्तार विश्वजीत सिंह उर्फ विसई सिंह ने गोरखपुर पुलिस के सामने पूरे कांड का खुलासा किया है. इस मामले में गोरखपुर कैंट थाने में उसके विरुद्ध भादवि 419, 420, 467, 468, 471 की धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है. विश्वजीत सिंह की गिरफ्तारी के बाद गोरखपुर पुलिस ने राहत की सांस ली है. वहीं, गोपालगंज पुलिस उसे रिमांड पर लेने की तैयारी में जुट गयी है. बता दें कि तीन अप्रैल क ी सुबह सवा 10 बजे सिंगहा मोड़ के समीप भाजपा नेता कृष्णा शाही की गाड़ी पर फायरिंग की गयी थी, जिसमें भाजपा नेता के दो अंगरक्षक घायल हो गये थे. बाद में सदर अस्पताल में पुलिस को दिये बयान में कृष्णा शाही ने जदयू विधायक अमरेंद्र कुमार पांडेय, उनके बड़े भाई सतीश पांडेय, अजय मिश्र, आनंद मिश्र, विश्वजीत सिंह, पप्पू श्रीवास्तव के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी थी. कांड के अनुसंधान में जुटी पुलिस को तब सफलता लगी, जब गोरखपुर के मोहद्दीनगर स्थित पांडेय पेट्रोल पंप के समीप से विश्वजीत सिंह को गिरफ्तार किया गया. पूछताछ में उसने बताया कि 24 घंटे के अंदर तीन बड़ी आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया गया. गोरखपुर पुलिस के हाथ लगे विश्वजीत सिंह के पास से पुलिस को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी पहचान पत्र मिला, जिस पर एजेडए 0219493, जन्म तिथि 1988 तथा फोटो विसई सिंह का था. उसमें उसका नाम राकेश सिंह, पिता जय सिंह, ग्राम भुलौली हाहा, अंचल गुठनी,जिला सीवान का पता अंकित था. इसके अलावा सीवान जिले से जारी किया एक ड्राइविंग लाइसेंस भी मिला, जिस पर भी राकेश सिंह का नाम अंकित था. पुलिस को उसने बताया कि बिहार में रहने के लिए उसने फर्जी पहचान पत्र बनवा रखे थे, जहां वह राकेश सिंह के नाम से जाना जाता है. इन दोनों फर्जी पहचान पत्र के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है. पूछताछ के दौरान उसने बताया कि दो मार्च की शाम 8.20 बजे अपने आका चंदन सिंह के साथ गोरखपुर के गोलघर पर स्थित प्रकाश सिंघानिया के पिता एवं दुकान के एक आदमी को गोली मार दी थी. घटना के पीछे रंगदारी नहीं देना बताया गया. उसी दिन विश्वजीत सिंह ने ललीपुर अकादमी के पास अरुण मिश्र की रात के 10.30 बजे गोली मार कर हत्या कर दी थी. अरुण मिश्र की हत्या इसलिए की गयी थी, क्योंकि उसने चंदन सिंह के खास रहे. छोटू की हत्या अरुण ने मुखबीरी कर करा दी थी. अपराधी विश्वजीत सिंह ने पुलिस को दिये बयान में बताया कि घटना को अंजाम देने के बाद वे लोग गोपालगंज पहुंचे. भाजपा नेता कृष्णा शाही को मारने की सुपारी दी गयी. इसके बाद एक व्यक्ति द्वारा विश्वजीत सिंह को एक एके 47, पिस्टल एवं बिना नंबर की एक स्कॉर्पियो दी गयी, जिससे कृष्णा शाही की गाड़ी पर हमला किया गया. जवाबी फायरिंग को देख अपराधी भाग निकले. इस घटना क ो अंजाम देने में जिन अपराधियों के नामों का खुलासा किया गया है, उनमें विश्वजीत सिंह, चंदन सिंह, पप्पू लाल श्रीवास्तव, अजय मिश्र सहित तीन और लोग शामिल थे. घटना में प्रयुक्त एके 47 इस वक्त चंदन सिंह के पास है. वहीं, घटना को अंजाम देने के बाद अपराधियों ने हाता में एक स्वर्ण व्यवसायी की हत्या कर दी थी.

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